राजधानी रायपुर में मोवा इलाके के नहरपारा क्षेत्र में पीलिया के बढ़ते प्रकोप पर रायपुर नगर निगम ने आज हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा जिसपर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दो दिनों में क्षेत्र के लोगो को शिफ्ट करने के दिए आदेश को स्थगित कर दिया है। जबकि उच्च न्यायालय द्वारा गठित टीम ने दौरा किया था जहाँ क्षेत्र में लगे स्वस्थ शिविर में लगभग 225 लोगो की जांच के बाद 105 में पीलिया मिलने की संभावना बताई जा रही है। जबकि विपक्ष ने राज्य सरकार पर राजधानी रायपुर के नहरपार में पीलिया से हुई 6 मौतों पर उच्च न्यायालय द्वारा संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार को निर्देशित करने के मामले को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता शैलेष पाण्डेय ने मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सहिंत सभी मंत्रियो पर जमकर निशाना साधते हुए इस्तीफे की मांग की है।
ज्ञात हो कि राजधानी रायपुर के नहरपारा क्षेत्र में पीलिया का प्रकोप फैला हुआ है जिससे 6 लोगो की मौत भी हो गई है। जिसपर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को क्षेत्र में ठीक से व्यवस्ता करने निर्देशित भी किया है तथा उक्त क्षेत्र में निवासरत लोगो को तत्काल किसी दूसरे क्षेत्र में शिफ्ट किया जाना है जिससे बीमारी और मौत के बढ़ते स्कोर पर अंकुश लगाया जा सके। जबकि मामले में कांग्रेस प्रवक्ता शैलेष पाण्डेय ने इसे सरकार की निष्क्रियता का प्रमाण बताया है उन्होंने ने कहा कि राज्य में भाजपा की 15 सालो से सरकार है उसके बावजूद राजधानी नहरपारा में पीलिया बीमारी से मौतें सरकार के लिए शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि सुशासन के नाम पर बीते 15 सालों से सत्ता का सुख भोग रही है कॉरपोरेट सरकार और मंत्रियो को इस्तीफा देकर अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहिए।
छत्तीसगढ़ में बीते 15 साल से विकास और सुशासन का ढोंग पीटकर कागजी दामों में इठलाने लाने वाली सरकार को इस बात पर भी शर्म नहीं आ रही है, कि पीलिया जैसी बीमारी के जतन के लिए माननीय हाईकोर्ट को दखल देना पड़ रहा है । बात यहीं पर खत्म नहीं हो रही है सड़क, नाली, पानी, प्रदूषण , जंगली जानवरों का राजधानी में घुसना और अब पीलिया के लिए भी माननीय उच्च न्यायालय को निर्देश देना पड़ रहा है। यह किसी सरकार के लिए डूब मरने से कम नहीं है । छत्तीसगढ़ सरकार में बीजेपी के शासन का आलम ऐसा ही है कि प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री रमन सिंह के जिले को केंद्र सरकार द्वारा नक्सल जिला घोषित कर दिया जाता है, और मुख्यमंत्री नक्सली खात्मा का दावा करते घूम रहे हैं । इतना ही नहीं जंगलराज और जंगल के काम करने के तरीकों का यह है कि कुछ दिन पहले गजराज का जत्था राजधानी मुख्यमंत्री निवास के आसपास घुस गया, और पूरे प्रदेश का वन अमला भ्रष्टाचार की नींद सो रहा है, रही सही कसर अब राजधानी रायपुर के नहरपारा को खाली कराने का आदेश माननीय हाईकोर्ट के फैसले ने पूरी कर दी है । जहां स्वयं मुखिया और मंत्री मंडल निवास करता हैं , वहां स्वास्थ्य की इतनी खराब स्थिति है कि माननीय न्यायालय को यह बोलना पड़ रहा है कि सरकार ठीक से व्यवस्था करें । यह इस बात इशारा करता है कि अब भाजपा सरकार के दिन पूरे हो गए हैं । ऐसे में अब तो मुख्यमंत्री और पूरे मंत्रिमंडल को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।