बालोद जिले से लगभग तीन किलोमीटर दूर झलमला गांव में स्थित है गंगा मैया मंदिर
मंदिर के पास के दुकानदारों को भी कपड़े के बैग और स्टील बर्तनों का प्रयोग करने के निर्देश
बालोद. छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में स्थित गंगा मैया मंदिर में अब प्लास्टिक का उपयोग अब नहीं होगा। नवरात्र के महीने में यहां प्लास्टिक का इस्तेमाल न हो इसकी व्यवस्था मंदिर के ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारी कर रहे हैं। प्लास्टिक के गिलास, प्लेट, पानी के पाउच वगैरह की जगह स्टील के बर्तनों का उपयोग किया जाएगा। मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही आसपास के दुकानदारों को भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने को कहा गया है। दुकान संचालक अगर ऐसा करते पाए गए तो ट्रस्ट आवंटन रद्द करने तक की बात कह चुका है।
पर्यावरण बचाने के लिए मंदिर के ट्रस्ट का प्लान
- गंगा मैया मंदिर बालोद में जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर झलमला गांव में स्थित है। यहां प्रसाद बांटने के लिए पॉलीथिन का उपयोग बंद किया जा रहा है। अब यहां प्रसाद के लिए कपड़े के बैग का इस्तेमाल होगा। ट्रस्ट प्रबंधक सोहन लाल टावरी का कहना है कि यह पहल पर्यावरण संरक्षण के लिए की जा रही है।
- मंदिर कमेटी प्रसाद चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं को टोकरी उपलब्ध कराएगा। नवरात्र के वक्त यहां लाखों की तादाद में आसपास के जिलों से लोग पहुंचते हैं। सैंकड़ों बच्चियों को यहां कन्या भोज कराया जाता है। इस दिन भी सिर्फ स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल होगा। ट्रस्टी पालक ठाकुर ने बताया कि कपड़े के बैग भी हम यहां उपलब्ध करवा रहे हैं। अब दुकानों में इन्हीं का इस्तेमाल होगा।