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बिलासपुर: सकरी के नायब तहसीलदार अभिषेक राठौर की कथनी और करनी में अंतर…पहले एसएस इंफ्रा की अवैध प्लाटिंग का प्रतिवेदन मंगाया…फिर नोटिस देने के बाद भू-माफियाओं से हाथ मिलाया…पार्ट- 2

बिलासपुर। अवैध प्लाटिंग की पुष्टि होने के बाद भी सकरी उप तहसील के नायब तहसीलदार अभिषेक राठौर द्वारा किसी तरह की कार्रवाई नहीं करना यह संकेत दे रहा है कि भू-माफियाओं से उनके मधुर संबंध बन गए हैं। यह जानकर आपको ताज्जुब भी होगा कि अवैध प्लाटिंग की जांच भी खुद नायब तहसीलदार ने कराई थी और पटवारी प्रतिवेदन में अवैध प्लाटिंग करने और सरकारी जमीन दबाने का सबूत मिलने के बाद अब मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। ऐसे में भू-माफियाओं और नायब तहसीलदार के बीच लेनदेन के दावे को बल मिल रहा है।

पेश है एसएस इंफ्रा कंपनी का फर्जीवाड़ा और राजस्व महकमे का निराला खेल-

एसएस इंफ्रा कंपनी द्वारा सकरी और तखतपुर तहसील अंर्तगत लम्बे समय से शासकीय भूमि को हड़पने के साथ-साथ अवैध प्लाटिंग का खेल खेला जा रहा है, जिसके पार्टनर सौरभ पाण्डेय और संतोष वस्त्रकार को मिली हैं और दोनों पार्टनरों के तार सुपरटेक जैसी धोखेबाज कंपनी और आशीष जायसवाल से भी जुड़े हुए हैं, जिनका पूरा इतिहास हमने खंगाल रखा है, जिसमें सकरी, दलदलियापारा, खपरी आदि जगहों पर अवैध प्लाटिंग की जानकारीया सामने आई है।

पहले हम बात कर रहे हैं सकरी पटवारी हल्का नंबर 45 मन/2 स्थित खसरा नंबर 291/1 की, जो 1928-29 के मिसल रिकार्ड में घास भूमि दर्ज है। राजस्व महकमे के साथ मिलकर भू-माफियाओं ने ऐसा खेल खेला कि 291/1 के टुकड़े निजी भू-खंड में तब्दील हो गए और नए खसरा नंबर 291/1घ/2 व 291/1झ/1 ईजाद कर लिए गए। ये दोनों खसरा नंबर की जमीन मेसर्स अंजनी एसोसिएट्स बिलासपुर से क्रमश: सौरभ पाण्डेय और संतोष वस्त्रकार मिली है। इसी खसरे पर वर्ष 2017 में अनुविभागीय अधिकारी कोटा के समक्ष अवैध प्लाटिंग का प्रकरण भी चला था, जिस पर एसडीएम न्यायालय की नोटशीट में सकरी तहसीलदार की जांच रिपोर्ट के आधार पर बिना किसी लाइसेंस, डायवर्सन और सक्षम अनुमति के अवैध प्लाटिंग करना पाया गया था और नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद भू-माफियाओं से सांठगांठ करते हुए राजस्व महकमे ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। राजस्व अफसरों की ओर से नरम रुख अपनाने से सौरभ और संतोष के हौसले इतने बुलंद हो गए कि दोनों ने मिलकर आसपास की सरकारी जमीनो में कब्जा करना शुरू किया और ग्राहकों को प्रलोभन देकर बेचने का सिलसिला चलाया। इस बीच सकरी उप तहसील में नायब तहसीलदार अभिषेक राठौर की पोस्टिंग हुई। जैसे ही उन्हें अवैध प्लाटिंग और सरकारी जमीन पर कब्जा करने की शिकायत मिली, उन्होंने एसएस इंफ्रा द्वारा बसाई जा रही कॉलोनी पर जांच बिठा दी और पटवारी मुकेश साहू से प्रतिवेदन मांगा। सूत्रों से पता चला है कि पटवारी मुकेश साहू ने अपने प्रतिवेदन में साफ-साफ यह जानकारी दी है कि एसएस इंफ्रा द्वारा अवैध प्लाटिंग कर कॉलोनी बसाई जा रही है। उनके द्वारा किसी भी तरह के नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। सूत्रों के दावे पर भरोसा करें तो प्रतिवेदन में सरकारी जमीन पर प्लाट काटने का भी उल्लेख है। इतना प्रतिवेदन आते ही नायब तहसीलदार राठौर ने एसएस इंफ्रा को नोटिस जारी किया, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। बताया जा रहा है कि अब उसी अवैध प्लाटिंग की रजिस्ट्री भी की जा रही है और नायब तहसीलदार राठौर उसका नामांतरण भी कर रहे हैं। इससे भू-माफियाओं और नायब तहसीलदार के मधुर संबंध उजागर हो गए हैं।

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