कोरोना से संक्रमित 70 फीसदी मरीज औरों में वायरस के प्रसार का सबब नहीं बनते। हांगकांग में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। शोधकर्ताओं ने 23 जनवरी से 28 अप्रैल के बीच हांगकांग में मिले एक हजार से अधिक कोरोना संक्रमितों की दैनिक गतिविधियों पर नजर रख यह देखा कि वे कितनों में वायरस के वाहक बनते हैं।
इस दौरान पता चला कि सार्स-कोव-2 के 80 फीसदी प्रसार के लिए 20 फीसदी ‘सुपरस्प्रेडर’ जिम्मेदार होते हैं। 70 फीसदी संक्रमितों में से वायरस दूसरों में फैलता ही नहीं। वहीं, संक्रमण के शिकार जो बाकी 20 फीसदी मरीज सामने आते हैं, उनमें शेष बचे दस फीसदी संक्रमित वायरस के वाहक बनते हैं।
क्या होते हैं ‘सुपरस्प्रेडर’
कोरोना से जूझ रहे उन मरीजों को ‘सुपरस्प्रेडर’ की संज्ञा दी जाती है, जिनसे औरों में संक्रमण फैलने का खतरा बहुत ज्यादा होता है। वहीं, खेल स्पर्धाएं, संगीत कंसर्ट, बिजनेस मीटिंग, धार्मिक सभाएं आदि ‘सुपरस्प्रेडर’ गतिविधियों के दायरे में आते हैं, क्योंकि इनमें कई संक्रमण का शिकार बन सकते हैं।
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