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स्वास्थ्य

अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन का दावा, लॉकडाउन की वजह से 17% से अधिक लोग डिप्रेशन और चिंता के शिकार…

इंडिया के साथ ही कोरोना संक्रमण ने दुनिया के कई देशों को प्रभावित किया है जिसके चलते दुनिया के बहुत सारे देशों में जनवरी 2020 से लॉकडाउन लग गया था। और इंडिया में 24 मार्च की आधी रात से लॉकडाउन लग गया था। कोविड संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन से दुनिया कई महीने से परेशान हो रही है ऐसे में दुनियाभर में कई करोड़ लोगों की जॉब जा चुकी है। घर के अंदर कैद होकर करोड़ों लोग तनाव और चिंता का शिकार हो गये हैं। वर्क फ्राम होम के दौरान लोगों को ड्यूटी समय से बहुत ज्यादा टाइम तक काम करना पड़ रहा है। लॉकडाउन में घर में बेरोजगार बैठने से लोग कई तरह की गंभीर बीमारियों का शिकार हो गए हैं। गूगल में लोग तनाव और चिंता से उबरने के लिए सबसे ज्यादा उपायों और दवाओं को सर्च कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मज़दूरों के अधिकारों के लिए अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन का गठन किया गया था। यह एक संस्था है जो संयुक्त राष्ट्र में उपस्थित है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रमिक मुद्दों को देखने के लिये स्थापित हुई है। ILO के द्वारा किए गए एक वैश्विक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। इसमें बताया गया है कि COVID-19 के दौरान दुनिया के 17% से अधिक लोग डिप्रेशन और चिंता के शिकार हैं। हर दो में से एक युवा डिप्रेशन और तनाव का शिकार हो रहा हैं।

ILO की स्टडी

अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन ने इस स्टडी को युथ एंड कोविड-19: इंपैक्ट ऑफ जॉब्स, एजुकेशन, राइट एंड मेंटल वेल बीइंग’ शीर्षक के नाम से प्रकाशित किया है। इसमें 112 देशों से 12,000 से अधिक लोगों की प्रतिक्रयाएं ली गईं थी। जिसमे शिक्षित युवाओं और इंटरनेट एक्सेस करने वाले लोगों को शामिल किया गया था। इस स्टडी में 18-29 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया गया था। इन लोगों से रोजगार, शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण जैसे विषयों को शामिल किया गया।

सबसे ज्यादा छात्र प्रभावित हो रहे

एक तरफ लॉकडाउन ने लोगों को अपनी प्रतिभा को निखारने और कुछ नया सीखने के लिए टाइम दिया है, लेकिन इसने लोगों को बहुत सारी चीजों से दूर कर दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑनलाइन स्टडी में रेग्युलर क्लास की तुलना 65 फीसदी कम सीखा है। 50% युवा छात्रों ने बताया है कि उन्हें अपनी शिक्षा में देरी की आशंका है। जिसके कारण वो तनाव और चिंता से ग्रस्त हो रहे हैं। 9% ने बताया है कि उन्हें अपनी परीक्षा में ‘फेल होने’ की आशंका हो रही है।और कई युवाओं ने लॉकडाउन के कारण नौकरी जाने के की परेशानी और नौकरी जाने का डर बताया।

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