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देशस्वास्थ्य

बिलासपुर सहित देश में इन जगहों पर खुलेंगे 23 नए अस्पताल और 62 डिस्पेंसरियां, पूरे देश में लागू होगी ईएसआई योजना…

कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने यह फैसला किया है कि उसकी स्वास्थ्य बीमा योजना (ईएसआई) 2022 के अंत तक पूरे देश में लागू की जाएगी। अभी यह योजना पूर्ण रूप से 443 जिलों और आंशिक रूप से 153 जिलों में लागू है। कुल 148 जिले अभी ईएसआई योजना के दायरे में नहीं आते हैं।

श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में रविवार को हुई ईएसआईसी की 188वीं बैठक में देशभर में चिकित्सा सुविधा और सेवा आपूर्ति तंत्र का विस्तार करने का फैसला किया गया। बैठक में ईएसआई योजना को इस साल के अंत तक पूरे देश में लागू करने का निर्णय किया गया।

श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस साल के अंत तक ईएसआई योजना के तहत आंशिक रूप आने वाले और अभी इसके तहत नहीं आने वाले सभी जिलों को इस योजना के दायरे में लाया जाएगा।

23 नए अस्पताल खोलने का निर्णय

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के एमआईएमपी (संशोधित बीमा चिकित्सा व्यवसायी) और टाई-अप अस्पतालों को सूचीबद्ध करके नए डीसीबीओ (औषधालय सह शाखा कार्यालय) की स्थापना के माध्यम से चिकित्सा देखभाल सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, ESIC ने देशभर में 23 नए 100-बेड वाले अस्पताल स्थापित करने का निर्णय लिया है।

यहां बनेंगे अस्पताल और डिस्पेंसरियां

इनमें से छह अस्पताल महाराष्ट्र के पालघर, सतारा, पेन, जलगांव, चाकन और पनवेल, चार अस्पताल हरियाणा के हिसार, सोनीपत, अंबाला और रोहतक में और दो अस्पताल तमिलनाडु के चेंगलपट्टू और इरोड में, दो अस्पताल उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और गोरखपुर में एवं दो अस्पताल कर्नाटक के तुमकुर और उडुपी में खोले जाएंगे।

वहीं, आंध्र प्रदेश के नेल्लोर, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, गोवा के मुलगांव, गुजरात के सानंद, मध्य प्रदेश के जबलपुर, ओडिशा के झारसुगुडा और पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में भी एक-एक अस्पताल खोले जाएंगे। इन अस्पतालों के अलावा 62 स्थानों पर पांच डिस्पेंसरियां भी खोली जाएंगी। इसके अलावा, महाराष्ट्र में 48 डिस्पेंसरियां, दिल्ली में 12 डिस्पेंसरियां और हरियाणा में 2 डिस्पेंसरियां खोली जाएंगी।

इन्हें मिलेगा फायदा

इन अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में बीमित कर्मचारी और उनके आश्रितों को बेहतर गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। बयान में कहा गया है कि गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए, ईएसआईसी नए अस्पतालों की स्थापना और मौजूदा अस्पतालों को उन्नत करके अपने बुनियादी ढांचे को बढ़ा रहा है।

ईएसआईसी ने अपनी बैठक में बीमित श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को आयुष्मान भारत पीएमजेएवाई के पैनल में शामिल अस्पतालों के माध्यम से उन सभी क्षेत्रों में जहां ईएसआई योजना आंशिक रूप से लागू की गई है या लागू की जानी है, या जहां मौजूदा ईएसआईसी सीमित स्वास्थ्य सुविधाएं हैं, कैशलेस चिकित्सा देखभाल सेवाओं का लाभ उठाने की अनुमति देने का निर्णय लिया है।

इस टाईअप व्यवस्था के माध्यम से 157 जिलों में ईएसआई योजना के लाभार्थी पहले से ही कैशलेस चिकित्सा देखभाल का लाभ उठा रहे हैं।

तीन ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज भी खोले जाएंगे

यह भी निर्णय लिया गया है कि सनथनगर, फरीदाबाद और चेन्नई में तीन ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी और परमाणु चिकित्सा विभाग स्थापित किए जाएंगे। यह पहली बार होगा जब ईएसआईसी के स्वामित्व वाली सुविधाओं पर ऐसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। सनथनगर, तेलंगाना और अलवर, राजस्थान में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दो कैथ लैब स्थापित किए जाएंगे।

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