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VIDEO: ‘दादा, नियमों की किताब पढ़ो…’, विपक्ष के हंगामे के बीच इस बात पर भड़के स्पीकर ओम बिरला…देखें वीडियो

मॉनसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत तमान विपक्ष के नेताओं ने आवश्यक वस्तुओं पर 5 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की कीमत को लेकर विरोध किया। वहीं कुछ विपक्ष के नेता सरकार के विरोध प्रदर्शन वाले तख्तियां लेकर लोकसभा के अंदर चले गए और नारेबाजी करने लगे। महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों की नारेबाजी को देख स्पीकर ओम बिरला गुस्सा हो गए और उन्होंने संसद की नियमों वाली किताब पढ़ने की विपक्षी सांसदों को सलाह दी। महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच लोकसभा दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

‘सदन के अंदर तख्तियां लाने की अनुमति नहीं है…’

सामने आई वीडियो में देखा जा सकता है कि स्पीकर ओम बिरला विपक्षी सांसदों से कहते हैं, ‘क्या आप लोगों को पता नहीं है कि नियमों के अनुसार, सदन के अंदर तख्तियां लाने की अनुमति नहीं है।’ स्पीकर ओम बिरला बोले, ”दादा, नियमों की किताब पढ़ो, सदन में तख्ती लाना ठीक नहीं है।”

‘आप सदन में प्रश्न नहीं करना चाहते हैं, तख्तियां लेकर आ रहे हैं…’

ओम बिरला कहते हैं, ”आपने बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न लगाया है। किसानों के समर्थन मूल्य पर प्रश्न लगाया है। आप सदन में प्रश्न नहीं करना चाहते हैं। तख्तियां लेकर आ रहे हैं। ये दादा नियमों की किताब लेकर खड़े हैं और नियमों की किताब आपने पढ़ रखी है…दादा नियमों की किताब पढ़ाओ इनको..।”

‘बाहर किसान की बात करते हो…अंदर सदन में नहीं बोलते…’

ओम बिरला आगे कहते हैं, ”नियमों के तहत, 349 के तहत, सदन के अंदर ख्तियां लेकर आना मना है और उचित नहीं है। ये परंपरा ठीक नहीं है। आप सदन के अंदर कुछ मर्यादाओं का पालन करो, कुछ अच्छी परंपराओं का पालन करो। आप बाहर जाकर किसान की बाक करते हो…अंदर सदन में किसानों की बात नहीं करते हो। बाहर जाकर मंहगाई की बात करते हो…अंदर नहीं बोलते।”

मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू हुआ 12 अगस्त तक चलेगा

संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू हुआ है और 12 अगस्त तक चलेगा। जीएसटी और महंगाई को लेकर कांग्रेस के हंगामे के बीच बीते दिन सोमवार को भी राज्यसभा का सत्र दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया था। सत्र के दौरान, केंद्र सरकार कई कानूनों को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगी और इसके विधायी एजेंडे में पारित होने के लिए 32 बिल शामिल हैं, जिनमें से 14 तैयार हैं।

इन विधेयकों पर सरकार का फोकस

इन विधेयकों में छावनी विधेयक, बहु-राज्य सहकारी समिति विधेयक, उद्यमों और सेवा केंद्रों का विकास विधेयक, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के लिए अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की सूची को संशोधित करने के लिए संविधान संशोधन के लिए दो अलग-अलग विधेयक शामिल हैं।

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