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अब अगले साल अप्रैल से ऐथनॉल मिलाकर पेट्रोल बेचने की तैयारी, देश को होगी चार अरब डॉलर की बचत…

अगले साल अप्रैल से चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर 20 प्रतिशत ऐथनॉल मिला पेट्रोल मिलना शुरू हो जाएगा. यह दावा पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने किया है. पुरी ने कहा कि वर्ष 2025 तक देश में 20 प्रतिशत ऐथनॉल मिश्रित पेट्रोल की ही बिक्री होगी. इससे देश को क्रूड के आयात पर सालाना चार अरब डॉलर की बचत होगी. रिपोर्ट के अनुसार पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि पेट्रोल में 10 प्रतिशत ऐथनॉल मिश्रण का लक्ष्य तय समय से पहले ही हासिल हो चुका है. सरकार ने इसके लिए नवंबर, 2022 की समय सीमा तय की थी, लेकिन इसे पांच महीने पहले जून में पूरा कर लिया गया है.

पुरी ने कहा कि पेट्रोल में 10 प्रतिशत ऐथनॉल मिश्रण से 41,500 करोड़ रुपये से अधिक विदेशी मुद्रा की बचत हुई है. साथ ही ग्रीन हाउस गैसो के उत्सर्जन में 27 लाख टन की कमी आई है. किसानों को भी इससे फायदा हुआ है. किसानों को 40,600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. अमेरिका, ब्राजील, यूरोपीय संघ और चीन के बाद भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा ऐथनॉल उत्पादक है. दुनियाभर में ऐथनॉल का उपयोग बड़े पैमाने पर दूसरे कामों में होता है. ब्राजील और भारत इसे केवल पेट्रोल में मिला रहे हैं. बीस ऐथनॉल एथेनॉल मिश्रण के साथ क्रूड की आपूर्ति से सालाना चार अरब डॉलर की बचत होने का अनुमान है.

फिलहाल 10.17 प्रतिशत ऐथनॉल पेट्रोल में मिलाया जा रहा है. 2020-21 में 8.10 प्रतिशत ऐथनॉल पेट्रोल में मिलाया जा रहा था. वहीं, 2019-20 में यह पांच प्रतिशत था. वर्ष 2013-14 में भारत में पेट्रोल में केवल 1.53 प्रतिशत ही ऐथनॉल मिलाया जाता था. पेट्रोल में 20 प्रतिशत ऐथनॉल मिश्रण के लिये 1,000 करोड़ लीटर ऐथनॉल की जरूरत होगी. जैसे-जैसे एथनॉल की मात्रा बढ़ेगी, उतनी ही मात्रा में कच्चे तेल के आयात में कमी आएगी.

विश्व जैव-ईंधन दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ही दूसरी पीढ़ी का ऐथनॉल संयंत्र देश को समर्पित किया था. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की हरियाणा के पानीपत में स्थित रिफाइनरी के पास ही 900 करोड़ रुपये की लागत से यह ऐथनॉल संयंत्र बनाया गया है. इसमें चावल की पराली से सालाना करीब तीन करोड़ लीटर ऐथनॉल का उत्पादन होगा.

वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात-आठ सालों में पेट्रोल में ऐथनॉल मिलाने से देश को 50,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है. उन्‍होंने कहा कि आठ सालों में ऐथनॉल उत्‍पादन 40 करोड़ लीटर से बढ़कर 400 करोड़ लीटर हो गया है.

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