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छत्तीसगढ़

‘मुफ्त की रेवड़ी’: विधायक अजय चंद्राकर का मुख्यमंत्री भूपेश को चैलेंज, कहा- बहस के लिए दिन और समय बताएं…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने के कल्चर वाले बयान पर छत्तीसगढ़ में भाजपा-कांग्रेस के बीच सियासी जंग छिड़ गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि देश और प्रदेश के खजाने पर सबका अधिकार हैं। लोगों को भोजन नहीं मिल पा रहा है। मकान नहीं बन पा रहे हैं। ऐसे में रेवड़ी बांटना किसे कहा जाएगा। न्यूनतम आवश्यकता को समझना होगा। बीमार उद्योग को मदद पहुंचाना। गरीबों को अनाज देना क्या रेवड़ी है। देश को तय करना होगा कि रेवड़ी क्या है? यह अच्छा है कि इस पर चर्चा तेज हो रही है।

सीएम भूपेश बघेल के बयान पर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता, विधायक व पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने ट्वीट कर सीएम भूपेश बघेल को बहस का चैलेंज करते हुए दिन और समय तय करने की बात कही है। उन्होंने अपने ट्वीट एकाउंट पर लिखा- माननीय मुख्यमंत्री आप तो इस सूबे के महाराज हैं…। प्रधानमंत्री आवास (शहरी एवं ग्रामीण) आपने कितने बनवाए हैं…? यदि भोजन नहीं दे पा रहे हैं, तो स्थिति शर्मनाक ही है। इसलिए छत्तीसगढ़ में मुफ्त की रेवड़ियों वाली योजना में बहस जरूरी है…। कृपया समय अवश्य देवें।

चंद्राकर ने कहा-छत्तीसगढ़ में बहस की जरूरत

एक दिन पहले भी अजय चंद्राकर ने ट्वीट कर कहा था कि कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं राजनीतिक हल्कों में ‘मुफ्त की रेवड़ियों’ में बहुत बहस हो रही है। कौन सी जनकल्याणकारी योजना है और कौन सी रेवड़िया हैं। इस पर छत्तीसगढ़ में बहस की जरूरत है। आप बहस के लिए समय दीजिए…। बता दें कि कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने का कल्चर लाने की कोशिश हो रही है। यह देश के लिए बहुत ही घातक है। उन्होंने कहा कि इस रेवड़ी कल्चर से लोगों को बहुत सावधान रहना है।

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