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घर पर तिरंगा फहराने का ये है सही तरीका, ऐसा करने पर होता है अपमान, इन 12 बातों का हमेशा रखें ध्यान…

National Flag Hoisting Rules: हर घर तिरंगा अभियान के तहत पूरे देश भर में 20 करोड़ तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सरकार ने तिरंगा फहराने के नियमों में भी कई अहम बदलाव किए हैं। अब रात में भी झंडा फहराया जा सकेग। इसके अलावा मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बनें झंडे को भी लोग फहरा सकेंगे।

संशोधन के पहले केवल सूर्योदय से सूर्यास्तक तक, केवल हाथ से बना हुआ या काता हुआ ऊन, कपास या रेशमी खादी से बना झंडा ही फहराया जा सकता था।

सरकार द्वारा तिरंगा फहराने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। ऐसे में अगर आप तिरंगा फहराने जा रहे हैं, तो उन नियमों को जानना बेहद जरूरी है। क्योंकि अगर तिरंगे को फहराने में इन नियमों की उल्लंघन हुआ तो उसे तिरंगे का अपमान माना जाता है।

संस्कृति मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय हमेशा इन बातों का ध्यान रखना चाहिए…

* तिरंगा फहराते समय हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए केसरिया रंग का हिस्सा ऊपर हो और हरे रंग वाला हिस्सा नीचे हो।

* झंडा कटा-फटा, गंदा,अव्यवस्थित नहीं होना चाहिए।

* राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी व्यक्ति या वस्तु की सलामी में नहीं झुकाना चाहिए।

* राष्ट्रीय ध्वज के साथ कोई अन्य ध्वज या ध्वजपट उससे उससे ऊंचा या उसके बराबर नहीं लगाया जाएगा, और न ही ध्वजारोहण के दौरान कोई फूल या माला या प्रतीक सहित कोई वस्तु, जिससे राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, ऊपर रखी जाएगी।

राष्ट्रीय ध्वज को खुले में या सार्वजनिक भवनों पर लगाने का सही तरीका

* उत्सव, थाली आदि में या किसी अन्य तरीके से सजावट के लिए तिरंगा का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा

* राष्ट्रीय ध्वज को जमीन, फर्श, पानी पर नहीं रखा जाएगा और फहराते समय इन चीजों को स्पर्श नहीं करना चाहिए।

* तिरंगा जिस खंभे,डंडे आदि में फहराया जाएगा, उसमें कोई दूसरा ध्वज नहीं लगा होना चाहिए।

* राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी पोशाक या वर्दी या किसी पहनावे के हिस्से में चित्रित नहीं किया जाएगा, जो किसी भी व्यक्ति के कमर के नीचे पहना जाता है और न ही कुशन, रूमाल, नैपकिन, अंडर गारमेंट्स या किसी कपड़े में कढ़ाई या मुद्रित रूप में किया जाएगा।

* राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग वक्ता के मेज को ढकने के लिए नहीं किया जाएगा, न ही वक्ता के मंच को इससे लपेटा जाएगा।

* जब तिरंगे को समतल या क्षैतिज पटल पर प्रदर्शित किया जाता है तो केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होगी और लंबवत् प्रदर्शित की जाएगी, राष्ट्रीय ध्वज के संदर्भ में केसरिया पट्टी दाईं ओर यानी यह सामने वाले व्यक्ति के बाईं ओर होनी चाहिए।

* जब राष्ट्रीय ध्वज को किसी स्तंभ पर क्षैतिज रूप से या सिल के एक कोण से, बालकनी या इमारत के सामने लगाया जाएगा, तो वह केसरिया पट्टी के सबसे दूर वाले छोर पर होगा।

ऐसा करने पर होता है अपमान

राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 की धारा 2 के स्पष्टीकरण 4 के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज का अपमान रोकने के लिए इन नियमों का पालन किया जाना चाहिए-

* राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग निजी अंत्येष्टि को लपेटने के साथ ही किसी भी तरह की चीजों को लपेटने के लिए नहीं किया जाएगा।

* राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी पोशाक या वर्दी या पहनावे के हिस्से में चित्रित नहीं किया जाएगा जो किसी भी व्यक्ति के कमर के नीचे पहना जाता है और न ही कुशन, रूमाल, नैपकिन, गारमेंट्स या किसी कपड़े में कढ़ाई या मुद्रित रूप में किया जाएगा।

* राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग लेखन प्रक्रिया में नहीं किया जाएगा।

* राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग वस्तुओं को लपेटने, प्राप्त करने और वितरित करने के लिए नहीं किया जाएगा।

* राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी वाहन के किनारों, पृष्ठ भाग या शीर्ष भाग को ढकने के लिए नहीं किया जाएगा।

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