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बिलासपुर

सरपंच ने कर दिया घर से बेघर, बच्चें, बूढ़े और महिलाएं पहुंचे कलेक्ट्रेट, कड़ी कार्यवाही की मांग…सौपा ज्ञापन

बिलासपुर। तखतपुर के ग्राम पंचायत बेलमुंडी में शिकायत के बाद भी अतिक्रमण नहीं हट रहा था। जिससे नाराज ग्रामीणों ने खुद ही अतिक्रमण हटाने का फैसला लिया। इसके तहत मंगलवार को सुबह जेसीबी लेकर अतिक्रमण हटाने लगे। जैसे ही इसकी खबर प्रशासनिक अमले को लगी। वैसे ही तोड़ने की कार्यवाही रोकने के लिए मौके पर पुलिस की टीम भेजी गई। जहां पहुचकर ग्रामीणों को समझाइश देते रहे, लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने उनकी एक न सुनी उल्टे एक थानेदार पर मारपीट एवं दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुवे झूमाझटकी और हाथापाई कर दी जिसके बाद पूरे जिले के थाने से पुलिस बल मंगाया गया बावजूद आक्रोशित ग्रामीणों ने 10 से 12 झोपड़ी, मकान और दुकान का अतिक्रमण तोड़ दिया।

अतिक्रमण हटाने के दौरान चार से पॉच सौ लोग वहां उपस्थित थे। ग्रामीणों का आरोप था कि दो-तीन वर्ष से अतिक्रमण हटाने के लिये तहसील में आवेदन किये थे लेकिन अभी तक कार्यवाही नही हुई। अब पंचायत स्तर पर प्रतिनिधियों के साथ सभी ग्रामवासी अतिक्रमण हटाने में जुटे हुवे है। इस दौरान तखतपुर एसडीएम महेश शर्मा, सकरी तहसीलदार राजेन्द्र भारत, नायब तहसीलदार गुरुदत्त पंचभाई, मनीषा झा, जनपद सीईओ तखतपुर हिमांशु गुप्ता सहित 200 कई संख्या में पुलिस के अधिकारी एवं बल उपस्थित रहा।

इस मामले को लेकर पीड़ित ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय गुहार लगाई की सरपंच रामकुमार कौशिक, उपसरपंच एवं कुछ पंचगण अपने 100-150 समर्थकों के साथ लकड़ी , बांस वगैरह लेकर साथ ही दो जेसीबी मशीन आये एवं बिना किसी पूर्व सूचना के हमारे मकान में तोड़फोड़ कर पूरा मकान को मय घरेलू सामानों के साथ ढहा दिया गया हम लोगों में कुछ लोगों की निजी जमीन में बना मकान भी ढहा दिया कुछ लोग शासकीय भूमि पर काबिज होकर कच्चा मकान बनाये थे जबकि रमा कौशिक पति विश्राम कौशिक पूर्व सरपंच को नायब तहसीलदार सकरी से स्थगन आदेश भी प्राप्त था परन्तु सरपंच एवं उनके समर्थक स्थगन आदेश की कापी को भी फाड़ कर फेक दिया जबकि हम लोग उक्त भूमि पर 10 से 30 वर्षों तक वहां पर निवासरत चले आ रहे थे।

सरपंच एवं उनके साथीगणों के द्वारा हमारा जो सामान हाथ लगा उसे भी अपने साथ लूट कर ले गये सभी को गाली गलौच तथा जान से मारने की धमकी दिया गया वहां जो हरिजन जाति के थे, उन्हें जाति सूचक गालियों से प्रताड़ित कर उनके साथ मारपीट किया गया उनमें से एक कन्हैया लाल सूर्यवंशी 80 प्रतिशत विकलांग भी है। इस घटना के बाद ग्रामवासियों के समाने इस बरसात में रहने बसने की समस्या खड़ी हो गई है पूरा परिवार खुले आसमान के नीचे पन्नी तिरपाल वगैरह बिछाकर रह रहे हैं। परिवार में छोटे छोटे बच्चे भी हैं। हम सभी इस तोड़फोड़ से खाने पीने की समस्या उत्पन्न हो गई। उनका कहना है की हम सभी आर्थिक एवं अत्यन्त मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं। पीड़ित ग्रामीणों ने दोषियों के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है। साथ ही जिस भूमि पर निवासरत थे उस भूमि का पट्टा दिलवाने की मांग भी किया है।

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