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छत्तीसगढ़

सरकारी कर्मियों पर सख्ती का नहीं हुआ असर, सीएम भूपेश की अपील- हड़ताल से आम जनता परेशान, काम पर लौटे…

छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार के बराबर 34% महंगाई भत्ता (DA) और एचआरए की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे लगभग 4 सरकारी कर्मचारियों पर सख्ती का कोई असर नहीं हुआ है। अब सीएम भूपेश बघेल ने भावुक अपील करते हुए हड़ताली कर्मियों को काम पर लौटने कहा है। अपने ट्विटर हैंडल पर बुधवार को एक संदेश साझा कर उन्होंने कहा कि हड़ताल से आम जनता के काम रुकने से उन्हें परेशानी हो रही है। आप सभी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।

सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि हड़ताल में शामिल सभी कर्मचारियों से मेरी अपील है कि लोगों की आवश्यकता से जुड़े काम रुकने से जनता को असुविधा हो रही है। अतः आप सभी कर्तव्यों का निर्वहन करें। हमारी सरकार कर्मचारी हित के लिए सदैव तत्पर है। पुरानी पेंशन योजना उसका एक उदाहरण है। राज्य के वित्तीय संसाधनों को देखते हुए हम कर्मचारी हित में निर्णय लेते रहे हैं और आगे भी लेंगे। सीएम के इस अपील से दो दिन पहले कर्मचारी संगठनों व मुख्य सचिव अमिताभ जैन के बीच बैठक हुई थी, जिसमें कोई नतीजा नहीं निकल सका था। इससे पहले सीएम भूपेश बघेल ने कहा था कि सौदेबाजी नहीं चलेगी। हड़ताल पर राज्य शासन निर्णय लेगी।

34% महंगाई भत्ता-एचआरए पर अड़े कर्मचारी

बता दें कि राज्य सरकार ने 6% महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने का आदेश जारी किया है, लेकिन इस आदेश को लेकर कर्मचारी और अधिकारियों में भारी नाराजगी है। प्रदेश में कर्मचारी संगठनों का कहना है कि महंगाई भत्ता 12% बढ़ाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया था। केंद्र सरकार के सामान महंगाई भत्ता 34% देने की मांग की जा रही है। कर्मचारी संघ 22 अगस्त से हड़ताल पर है। हड़ताल को 101 कर्मचारी-अधिकारी संगठन का समर्थन होने का दावा किया गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने रायपुर और डॉ. रमन सिंह ने राजनांदगांव के आंदोलन स्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन दिया है।

 

2 सितंबर तक काम पर लौटे, पूरा वेतन मिलेगा

छत्तीसगढ़ के हड़ताली कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार ने नया प्रस्ताव दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने कहा कि अगर कर्मचारी 1 या 2 सितंबर तक भी काम पर लौट आए तो उनका वेतन नहीं काटा जाएगा। हड़ताल अवधि को अवकाश मानकर पूरा वेतन दिया जाएगा। उप सचिव मेरी खेस्स ने मंगलवार को विभागाध्यक्ष, राजस्व मंडल, संभाग आयुक्तों और कलेक्टरों को जारी आदेश में कहा गया है कि शासन के ध्यान में यह बात लाई गई है कि हड़ताल में शामिल बहुत से अधिकारी-कर्मचारी काम पर लौटना चाहते हैं। पत्र में काम पर लौटने वाले कर्मचारियों को पर्याप्त सुरक्षा देने की बात भी कही गई है।

शासन ने देय तिथि से डीए स्वीकृत नहीं किया

कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2019 के लंबित मंहगाई भत्ते की 5% किस्त को 1 जुलाई 2021 से स्वीकृत कर कुल 17% किया था, जिसमें देय तिथि 1 जुलाई 2019 से लेकर 30 जून 2021 तक के वेतन में अंतर की राशि का भुगतान नहीं किया था। सरकार ने फेडरेशन के आंदोलन के बाद 1 मई को डीए में 5% की वृद्धि की थी। कर्मचारियों को 1 जुलाई 2021 से 30 अप्रैल 2022 तक 17% डीए पर वेतन बना था, लेकिन सरकार ने वेतन में अंतर की राशि का भुगतान फिर नहीं किया। सरकार ने डीए में 6% की वृद्धि 1 अगस्त 2022 से कर 28% किया है, जबकि केंद्र में 28% डीए का देय तिथि 1 जुलाई 2021 है। राज्य सरकार ने छल करते हुए देय तिथि से डीए स्वीकृत नहीं किया है।

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