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छत्तीसगढ़शिक्षा

एक दिन ‘छत्तीसगढ़ी भाषा’ में पढ़ाई, आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में संस्कृत और कंप्यूटर अनिवार्य…

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षक दिवस पर प्रदेश के स्कूली बच्चों को लिए 3 बड़ी घोषणाएं की है। राज्य में छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने सभी स्कूलों में अब सप्ताह में एक दिन छत्तीसगढ़ी और आदिवासी बोली की शिक्षा दी जाएगी। राज्य सरकार इसके लिए शैक्षणिक सामग्री भी तैयार करवा रही है। बस्तर एवं सरगुजा क्षेत्रों में स्थानीय आदिवासी बोलियों के अनुसार और बाकी क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ी भाषा में पाठ्यक्रम तैयार होंगे। सप्ताह में एक दिन छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई से स्थानीय भाषा को बढ़ावा मिलेगा। बच्चे छत्तीसगढ़ी भाषा से भी परिचित होंगे।

सीएम ने स्कूली शिक्षा में छत्तीसगढ़ी भाषा को सप्ताह में एक दिन अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं भारत की संस्कृति एवं परंपरा को बढ़ावा देने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में संस्कृत विषय की पढ़ाई कराने के निर्देश दिए हैं। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कंप्यूटर एजुकेशन को अनिवार्य करने की बात कही गई है। सीएम भूपेश ने कहा है कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बालक का शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास करे।

सीएम का स्थानीय भाषा में शिक्षा पर जोर

बता दें कि 24 अगस्त को हिन्दुस्तान टाइम्स के एजुकेशन समिट में सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की शिक्षा पर अपनी बात रखी थी। इस दौरान उनसे लोकल लैंग्वेज में शिक्षा पर सवाल पूछे गए थे। तब उन्होंने बताया था कि स्कूली बच्चों को शिक्षा लोकल से लेकर ग्लोबल लैंग्वेज में दी जा रही है। छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों को 16 स्थानीय बोलियों व 4 पड़ोसी राज्यों की भाषाओं में शिक्षा दी जा रही है। वैश्विक जरूरतों और बच्चों के भविष्य को देखते हुए सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी भाषा में एजुकेशन देने की शुरुआत की गई है। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोले गए। इंग्लिश मीडियम कॉलेज भी खोले जा रहे हैं। उन्होंने स्थानीय भाषा में बच्चों को शिक्षा देने पर जोर दिया था।

छत्तीसगढ़ में 5173 बालवाड़ी की शुरुआत

सीएम भूपेश बघेल ने शिक्षक दिवस पर बालवाड़ी योजना की शुरुआत की। नई शिक्षा नीति के तहत 5 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए यह बालवाड़ी शुरू की गई है। प्ले स्कूल की तरह बालवाड़ी से बच्चों को स्कूली माहौल के लिए तैयार किया जाएगा। इस वर्ष 5173 बालवाड़ियां शुरू की गई हैं। आने वाले वर्षों में प्रदेश के सभी क्षेत्रों में बालवाड़ियां खोली जाएंगी। सीएम बघेल ने नवा रायपुर के सेक्टर-32 में विश्व स्तरीय आवासीय शिक्षण संस्थान का शिलान्यास किया। यहां 6वीं से 12वीं तक कुल 700 छात्र छात्राओं के लिए 20 एकड़ के आवासीय शिक्षण परिसर तैयार किया जाएगा।

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