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छत्तीसगढ़

किसानों से धोखा, राइस मिलर्स ने करोड़ों रुपये रोका, कलेक्टोरेट के सामने सो गए किसान, उठाकर ले गई पुलिस…

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। राइस मिलरों ने किसानों से धान खरीदा है, लेकिन कई सालों से भुगतान नहीं कर रहे हैं। किसान महासमुंद में रैली निकालकर कलेक्टर और एसपी से मिलने कलेक्टोरेट पहुंच गए। किसान कलेक्टर से मिलने की जिद पर कलेक्ट्रेट परिसर में ही बैठ गए। रात 9 बजे तक कलेक्टर-एसपी नहीं आए तब सभी किसान गेट के सामने ही दरी बिछाकर सो गए। आधी रात 12 बजे पुलिस ने किसानों को गेट से हिरासत में लिया और मंडी परिसर लेकर चले गए। 10 किसानों को वहां नजरबंद रखा गया है। किसानों का मोबाइल भी छीन लिया गया था, जिसे रात 3 बजे दिया गया। किसानों का आरोप है कि मंडी प्रशासन के साथ सौदा पत्रक तैयार कर किसानों को लूटा गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ एवं किसान भुगतान संघर्ष समिति महासमुंद के बैनर तले कृषि उपज मंडी समिति महासमुंद प्रांगण में किसान एकजुट हुए। सभा के बाद किसान नेता एवं जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगनू चंद्राकर, किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही, किसान सुरेश चंद्राकर, प्रवीण चंद्राकर, पवन चंद्राकर, बिसहत चंद्राकर, तिलक साहू के नेतृत्व में रैली निकालकर कृषि उपज मंडी, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव कर राज्यपाल अनुसुईया उइके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मुख्य सचिव, संयुक्त सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा गया। रैली से पहले सभा को तिलक राम साहू, छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य पारसनाथ साहू, गजेंद्र कोसले, किसान भुगतान संघर्ष समिति राजिम के किसान चुम्मन लाल साहू, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा फिंगेश्वर के संयोजक रेखुराम साहू, पीड़ित किसानों मोतीलाल भोई, पुरुषोत्तम साहू, विजय साहू, पुराणिक साहू, ओमप्रकाश चंद्राकर ने संबोधित किया। किसानों ने कृषि उपज मंडी से सांठगांठ कर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया है।

मंडी से सांठगांठ, सौदा पत्रक तैयार कर किसानों को लूटा

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने बताया कि कृषि उपज मंडी समिति महासमुंद क्षेत्र में व्यापारियों द्वारा किसानों से सीधे धान खरीदी कर लूटा जा रहा है। मंडी प्रशासन से मिलीगत कर फर्जी सौदा पत्रक काटकर किसानों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है। शिकायत के बाद भी समस्या का निराकरण नहीं किया जा रहा है। परेशान होकर कन्हारपुरी निवासी 65 वर्षीय किसान कांतिलाल साहू ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। किसान को व्यापारी बजरंग अग्रवाल द्वारा 3,66,826 रुपये देना है। इसी तरह महामाया एग्रोटेक एवं सांई कृपा राइस मील के संचालक तेजप्रकाश चंद्राकर और साझेदार रत्ना चंद्राकर ग्राम साराडीह महासमुंद द्वारा 57 किसानों की भुगतान राशि 1,61,75,282 रुपये बकाया है। राकेश चौहान पिता बुधराम चौहान चंडी मेडिकल बागबाहरा ने चेक द्वारा फर्जीवाड़ा कर 19 किसानों का भुगतान राशि 61,88,650.50 रुपये बकाया है। जसवंत साव, रोहित साव, साधुराम साव ग्राम देवसराल, विकासखंड पिथौरा द्वारा 77 किसानों से खरीदी गई धान की राशि करीब एक करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हुआ है। गुरु तेगबहादुर राइस मिल कोसरंगी के संचालक सन्नी लुनिया द्वारा नारतोरा भटगांव निवासी किसान पुरुषोत्तम साहू का ब्याज की राशि बाकी है।

दोषियों पर FIR दर्ज करने और भुगतान कराने की मांग

किसानों का कहना है कि सभी प्रकरणों की लिखित जानकारी कृषि उपज मंडी समिति महासमुंद, मंडी बोर्ड रायपुर और जिला कलेक्टर महासमुंद से कर चुके हैं, लेकिन अफसरों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इन सभी प्रकरणों को 3 से 4 साल बीत गए हैं, जिसका भुगतान आज तक नहीं किया गया है। किसानों की मांग है कि मंडी के सरकारी दस्तावेज सौदा पत्रक, भुगतान पत्रक में तत्कालीन सचिव बोधन मंडई कृषि उपज मंडी समिति महासमुंद, व्यापारियों बजरंग अग्रवाल, सुमित अग्रवाल, तेजप्रकाश चंद्राकर, रत्ना चन्द्राकर एवं अन्य दोषियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468 एवं 34 के तहत् प्राथमिकी दर्ज की जाए और व्यापारियों की चल-अचल संपत्ति को नीलाम कर अथवा मंडी निधि से किसानों का बकाया भुगतान कराया जाए। इधर पूरे मामले में जिला प्रशासन का कोई बयान भी सामने नहीं आया है। अफसर भी बयान देने से बच रहे हैं।

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