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राजनीति

कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा- कांग्रेस सरकार और मेरे काम को देखकर जनता करेगी आंकलन, इधर सात गांव के ग्रामीण चुनाव बहिष्कार की तैयारी में…

मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के धूमा, मानिकपुर, ढेका, सिलपहरी, पोंड़ी, सरवानी, पिरैया, कनेरी, दुर्गडीह, मंगला पासी जैसे कई गांव

बिलासपुर। मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के धूमा, मानिकपुर, ढेका, सिलपहरी, पोंड़ी, सरवानी, पिरैया, कनेरी, दुर्गडीह, मंगला पासी जैसे कई गांव ऐसे हैं, जो मूलभूत सुविधाओं को जूझ रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य के अस्तित्व में आने के बाद से ये गांव एक अदद सड़क के लिए तरस रहे हैं। अब ग्रामीणों की नाराजगी इतनी बढ़ गई है कि वो सड़क नहीं बनने पर सीधी चुनाव बहिष्कार करने की चेतावनी दे हैं। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी इस बार फिर से भाजपा से मस्तूरी विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि 15 साल के भाजपा शासन के कार्यकाल में इन गांवों तक बुनियादी सुविधाओं की रोशनी क्यों नहीं पहुंच पाई तो उन्होंने सारा दोष कांग्रेस पर मढ़ दिया। उनका कहना था कि सड़क नहीं बनने से जनता का नाराज होना जायज है। मैंने निर्माण के लिए बजटिंग कराई, पर कांग्रेस सरकार ने ये काम होने नहीं दिया।

पेश है मस्तूरी विधानसभा की स्थिति और समस्याओं को लेकर भाजपा प्रत्याशी डॉ. बांधी का जवाब:-

सवाल:- पिछले चुनाव में बसपा प्रत्याशी ने खूब वोट बटोरे थे। इस बार जोगी कांग्रेस, बसपा और आप पार्टी भी मैदान में हैं। इन पार्टियों के प्रत्याशियों का क्या प्रभाव रहेगा?

जवाब:- पिछले चुनाव में बसपा और जोगी कांग्रेस ने गठबंधन कर चुनाव में प्रत्याशी उतारा था। इस बार दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं। दोनों दलों के प्रत्याशी अपना-अपना दमखम लगा रहे हैं। दोनों की ताकतें बंट गई हैं। इसलिए मैं नहीं मानता कि इस चुनाव में इनका ज्यादा प्रभाव रहेगा। रही बात आप पार्टी की तो छत्तीसगढ़ में उन्हें पनपने में बहुत समय लगेगा।

सवाल:- फिर आप अपना प्रतिद्बंद्बी किसे मानते हैं, और क्यों। बसपा और जोगी कांग्रेस का प्रभाव नहीं पड़ेगा तो क्या आप इस चुनाव को आसानी से निकाल रहे हैं?

जवाब:- ऐसा नहीं है। सभी पार्टियों के अपने-अपने वोट बैंक है। बसपा और जोगी कांग्रेस एक-दूसरे के वोटों का विभाजन कर सकती हैं। मैं मानता हूं कि मेरा मुख्य मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार दिलीप लहरिया के साथ है। वर्तमान में उनकी सरकार है। लोकलुभावन वादे किए जा रहे हैं। वादाखिलाफी करना कांग्रेस का मुख्य काम है। इसलिए मुझे लगता है कि इसका फायदा मुझे मिलेगा।

सवाल:- कांग्रेस इस बार भी कर्जमाफी के अलावा स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ रही है। भाजपा और आपके पास इसकी क्या तोड़ है। जनता आखिर आपको वोट क्यों दें?

जवाब:- पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हर वर्ग का भला हो रहा है। भाजपा हर वर्ग के हित के बारे में सोचती है। दूसरी ओर, कांग्रेस कुछ वर्गों का कल्याण करती है। कर्जमाफी अच्छा है, लेकिन यह उनके लिए है, जिन्होंने कर्ज लिया है। जिनके पास जमीन नहीं है, उनके लिए कांग्रेस ने क्या किया। पिछली बार भी कांग्रेस ने बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थीं, लेकिन कितने वायदे पूरे हुए, यह सब जानते हैं। रही बात भाजपा को वोट देने की तो प्रदेश में पांच साल कांग्रेस सरकार का कार्यकाल रहा। इस दौरान भी मैंने हरेक व्यक्ति और गांव के लिए काम किया। उनके हरेक सुख-दुख में शरीक हुआ। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी लहरिया पूरे पांच साल क्षेत्र से कटे रहे। इसका सबूत उनके खुद के गांव में उनका विरोध होना है।

सवाल:- मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र में सात गांव ऐसे हैं, जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सड़क से परेशान ग्रामीण चुनाव बहिष्कार की बात कर रहे हैं। 15 साल तक भाजपा का शासन होने के बाद भी यह समस्या क्यों दूर नहीं हुई?

जवाब:- सड़क समेत बुनियादी सुविधाओं को लेकर ग्रामीणों की नाराजगी लाजिमी है। यह उनका संवैधानिक अधिकार है। लोकतंत्र में किसी को भी विरोध जताने से रोका नहीं जा सकता। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मैंने इन गांवों में सड़क बनवाने के लिए पत्र व्यवहार किया। ग्रामीणों के साथ आंदोलन किया। सभी को लेकर कलेक्टोरेट भी आया था। प्रशासन पर दबाव बनाया। असर यह हुआ कि सड़क निर्माण के लिए बजट पास हुआ, लेकिन कांग्रेस सरकार ने निर्माण होने नहीं दिया।

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