बिलासपुर

रेत भंडारण व खनन से जुड़े नियमों की अनदेखा करना पड़ा महंगा: जिंदल पीआरएस इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित कई लोगो का लाइसेंस निरस्त…

Ignoring the rules related to sand storage and mining proved costly: Licenses of many people including Jindal PRS Infrastructure cancelled...

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में रेत भंडारण एवं खनन से जुड़े नियमों की अवहेलना के कारण कई अनुज्ञप्तियों को निरस्त कर दिया गया है। जिले में वैध रेत खदानों से रेत प्राप्त करने और रेत आपूर्ति को सामान्य रखने के लिए रेत भंडारण अनुज्ञप्तियाँ दी गई थीं। यह कदम रेत खनन पर लगे प्रतिबंध को ध्यान में रखते हुए उठाया गया था। हालांकि, भंडारण अनुज्ञप्तिधारकों द्वारा नियमानुसार कार्यवाही न करने और समय पर शुल्क जमा न करने के कारण यह कार्रवाई की गई है।

रेत भंडारण अनुज्ञप्ति प्राप्त करने वालों ने नियमानुसार कार्य नहीं किया और वार्षिक शुल्क जमा करने में भी असफल रहे। इसके अलावा, उन्होंने भंडारण से संबंधित महत्वपूर्ण कागजी कार्यवाही भी पूरी नहीं की। इस लापरवाही के कारण प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया, लेकिन अनुज्ञप्तिधारकों द्वारा नोटिस का जवाब नहीं दिया गया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।

प्रशासन ने इन सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए जिंदल पीआरएस इन्फ्रास्ट्रक्चर, मुकेश कुमार अग्रवाल, शिवशंकर रात्रे, सौर्य श्रीवास और काजल निगम सहित कई अनुज्ञप्तिधारकों को निरस्त कर दिया है। इनकी रेत भंडारण अनुज्ञप्ति में उल्लिखित मापदंडों का पालन न करने के कारण यह कदम उठाया गया है।

नियमानुसार कार्रवाई के तहत प्रशासन ने इन अनुज्ञप्तिधारकों की पूरी प्रतिभूति राशि राजसात कर दी है। इसके साथ ही, बकाया राशि की वसूली के लिए भी कदम उठाए गए हैं।

इसके अतिरिक्त, छत्तीसगढ़ खनिज साधारण रेत उत्खनन एवं व्यवसाय (अनुसूचित क्षेत्र हेतु) नियम 2023 के तहत ग्राम पंचायत छतोता, कोटा के सरपंच को भी सैद्धांतिक सहमति दी गई थी। उन्हें छतोना क्षेत्र में 4.750 हेक्टेयर रेत खदान के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी गई थी, परंतु नियमानुसार शर्तों को समयावधि में पूरा न करने के कारण यह सैद्धांतिक सहमति भी निरस्त कर दी गई है।

रेत खनन और भंडारण में नियमों की अनदेखी करना किसी भी प्रकार से उचित नहीं माना जा सकता। यह कार्रवाई प्रशासन की सख्त नीतियों को दर्शाती है, जो राज्य में प्राकृतिक संसाधनों के व्यवस्थित और पारदर्शी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए उठाई जा रही है। इस प्रकार की अनुशासनात्मक कार्रवाइयों से यह सुनिश्चित होता है कि भविष्य में नियमों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।

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