बिलासपुर। हाल ही में एक बेहद चौंकाने वाला धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें एक बीमा कंपनी के सर्वेयर से 16 लाख 50 हजार रुपये ठग लिए गए। यह घटना किसी फिल्मी कहानी की तरह लगती है, लेकिन यह एक सच्चाई है। जालसाजों ने मनी लांड्रिंग और मानव तस्करी जैसे संगीन मामलों में फंसाने और सीबीआइ जांच की धमकी देकर सर्वेयर से भारी रकम ऐंठ ली।
तोरवा क्षेत्र के विवेकानंद नगर निवासी नीरज कुमार सिंह, जो एक बीमा कंपनी में सर्वेयर के रूप में कार्यरत हैं, इस धोखाधड़ी के शिकार बने। शुक्रवार की सुबह उन्हें एक अनजान नंबर से फोन आया, जिसमें कॉलर ने उनके बैंक खाते और गोपनीय जानकारी के बारे में बातें कीं। इसके बाद, उन्हें बताया गया कि उनका नाम मनी लांड्रिंग और मानव तस्करी जैसे गंभीर मामलों में आ रहा है, जिसकी जांच सीबीआइ द्वारा की जाएगी। कॉलर ने उन्हें धमकी दी कि अगर वे इस जांच से बचना चाहते हैं, तो तुरंत पैसे ट्रांसफर करने होंगे।
डर के मारे नीरज कुमार सिंह ने जालसाजों के खाते में 16 लाख 50 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब उन्होंने अपनी पत्नी और अन्य स्वजनों को इस घटना के बारे में बताया, तब उन्हें अहसास हुआ कि वे ठगी का शिकार हो गए हैं। इसके बाद उन्होंने तोरवा थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई।
सीबीआइ की नाम पर ठगी का नया तरीका
इस तरह की ठगी के मामलों में एक आम पैटर्न देखने को मिल रहा है। ठग अक्सर खुद को पुलिस, सीबीआइ या अन्य जांच एजेंसियों का अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं। वे बड़े-बड़े अपराधों में नाम आने का डर दिखाकर तुरंत कार्रवाई की धमकी देते हैं, जिससे लोग भयभीत होकर पैसों की मांग को पूरा कर देते हैं।
पुलिस का सुझाव: इस मामले के बाद पुलिस ने स्पष्ट किया है कि सीबीआइ या पुलिस कभी भी फोन पर किसी केस की जानकारी नहीं देती और न ही इस प्रकार से पैसे की मांग करती है। एसीसीयू के प्रभारी एएसपी अनुज कुमार ने जनता से अपील की है कि अगर उन्हें इस तरह की कोई कॉल आए, तो इसे नजरअंदाज करें और तुरंत निकट के थाने में इसकी सूचना दें।
लोगों को जागरूक होना जरूरी
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि ठग नए-नए तरीकों से लोगों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में लोगों को सतर्क और जागरूक रहना जरूरी है। किसी भी अनजान कॉल पर गोपनीय जानकारी साझा न करें और किसी भी प्रकार की धमकी या लालच में आकर पैसे ट्रांसफर न करें।