Sunday, October 6, 2024
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स्वाइन फ्लू या अन्य मौसमी बीमारियों के लक्षण महसूस हों तत्काल पहुंचे अस्पताल… कलेक्टर, कोमारबिड मरीजों के लिए जोखिम अधिक…

बिलासपुर, 8 सितंबर 2024। बदलते मौसम के साथ स्वाइन फ्लू और अन्य मौसमी बीमारियों के प्रसार को देखते हुए, कलेक्टर अवनीश शरण ने सिम्स अस्पताल में समीक्षा बैठक का आयोजन किया। बैठक का उद्देश्य मौसमी बीमारियों के संक्रमण और इलाज व्यवस्था की समीक्षा करना था। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और अधिकारी भी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने निर्देश दिया कि यदि किसी व्यक्ति को स्वाइन फ्लू या अन्य मौसमी बीमारियों के लक्षण महसूस हों, तो वह बिना देरी के अस्पताल पहुंचे। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि अस्पतालों में इलाज के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पुख्ता होनी चाहिए।

अपोलो अस्पताल का निरीक्षण

कलेक्टर के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रभात श्रीवास्तव ने अपोलो अस्पताल का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने स्वाइन फ्लू के मरीजों से मुलाकात कर उनकी स्थिति का जायजा लिया। साथ ही, अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं की भी समीक्षा की। अपोलो अस्पताल में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए 10 बेड का पृथक आईसोलेशन वार्ड और 6 बेड का आईसीयू उपलब्ध है।

जुलाई और अगस्त के महीनों में कुल 34 मरीजों का उपचार किया गया, जिनमें से वर्तमान में 8 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनमें से 2 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि अपोलो अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं और मरीजों को उचित देखभाल दी जा रही है।

सिम्स अस्पताल में तैयारियां

सिम्स अस्पताल में भी 10 बेड का पृथक वार्ड और 4 बेड का आईसीयू स्थापित किया गया है। अस्पताल में मौजूदा समय में केवल 1 मरीज भर्ती है। कलेक्टर और निगम आयुक्त ने सिम्स अस्पताल का निरीक्षण कर इलाज व्यवस्थाओं का जायजा लिया और डॉक्टरों से सलाह-मशविरा किया।

विशेषज्ञ चिकित्सकों ने इस दौरान कोमारबिड (पहले से अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त) मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी। डॉक्टरों ने बताया कि ऐसे मरीजों को भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचना चाहिए और सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए।

कोमारबिड मरीजों के लिए जोखिम अधिक

सीएमएचओ डॉ. प्रभात श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक स्वाइन फ्लू से जितनी भी मौतें हुई हैं, वे सभी कोमारबिड मरीजों की थीं। इन मरीजों को पहले से ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हृदय रोग, कैंसर या किडनी संबंधी बीमारियां थीं, और जब इन्हें स्वाइन फ्लू का संक्रमण हुआ, तो इनकी हालत और गंभीर हो गई। इसलिए, ऐसे मरीजों को समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना और उचित इलाज करवाना बेहद जरूरी है।

समय पर इलाज की आवश्यकता

कलेक्टर अवनीश शरण ने जनता से अपील की है कि मौसमी बीमारियों के प्रति लापरवाही न बरतें। जरा सी भी आशंका होने पर तुरंत अस्पताल पहुंचें और जांच कराएं। समय पर इलाज से मरीज की हालत गंभीर होने से बचाई जा सकती है।

इस बैठक और निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य था कि स्वाइन फ्लू और अन्य मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों की तैयारियों को मजबूत करना, ताकि मरीजों को सही समय पर इलाज मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके।

मौसमी बीमारियों से बचने के लिए सही समय पर जागरूकता और इलाज बेहद महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से कोमारबिड मरीजों को अपनी स्थिति का ध्यान रखना चाहिए और किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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