बिलासपुर। हाल ही में सीमेंट के दामों में अचानक हुई वृद्धि ने प्रदेश में सियासी बहस छेड़ दी है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के बिलासपुर प्रभारी, सुबोध हरितवाल, ने सीमेंट की कीमतों में 50 रुपए प्रति बोरी की वृद्धि पर कड़ा विरोध जताया है और इसे प्रदेश की जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ करार दिया है। उन्होंने यह सवाल उठाया है कि यह वृद्धि किस प्रकार का टैक्स है और सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इसे ‘विष्णुभोग टैक्स’ कहें या ‘चौधरी टैक्स’?
छत्तीसगढ़ देश का सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक राज्य है, जहां हर महीने लगभग 30 लाख टन से अधिक सीमेंट का उत्पादन होता है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि प्रदेश की भाजपा सरकार के संरक्षण में सीमेंट की कीमतों में इस प्रकार की अचानक वृद्धि जनता के साथ अन्याय है। हरितवाल का कहना है कि इस वृद्धि से राज्य के नागरिकों, विशेषकर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों पर सीधा आर्थिक बोझ पड़ेगा। उनके अनुसार, सीमेंट के दाम में 50 रुपए प्रति बोरी की वृद्धि से प्रदेश के विकास कार्यों, विशेषकर आवास योजना और इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण परियोजनाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
हरितवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के शासन में भवन निर्माण सामग्रियों की कीमतों में निरंतर वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि पिछले नौ महीनों में रेत के दाम चार गुना, स्टील की कीमतें दुगनी हो चुकी हैं, और अब सीमेंट की बढ़ती कीमतों ने लोगों के घर बनाने के सपनों पर गहरा असर डाला है। यह वृद्धि न केवल निजी निर्माण परियोजनाओं बल्कि सरकारी निर्माण कार्यों की लागत को भी बढ़ाएगी, जिससे सड़क, पुल, भवन और अन्य बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
सीमेंट उद्योग और रियल एस्टेट क्षेत्र में सीमेंट की कीमतों का सीधा असर दिखता है। हरितवाल के अनुसार, कृषि के बाद रियल एस्टेट रोजगार सृजन में दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। लेकिन सीमेंट की कीमतों में इस अप्रत्याशित वृद्धि से रियल एस्टेट व्यवसाय की कमर टूटने का खतरा है, जिससे हजारों लोगों के रोजगार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर सीमेंट की मूल्य वृद्धि को तत्काल वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि सीमेंट को ‘आवश्यक वस्तु अधिनियम’ के तहत सूचीबद्ध किया जाना चाहिए ताकि इसके दाम नियंत्रित किए जा सकें और जनता को अनियंत्रित मूल्य वृद्धि से बचाया जा सके। इसके साथ ही, कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि डबल इंजन की सरकार जनता के हितों की अनदेखी कर रही है और इसे लूटने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ रही है।
हरितवाल ने यह भी कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने 28% जीएसटी लगाकर पहले से ही भारी बोझ डाल रखा है और अब प्रदेश सरकार के संरक्षण में सीमेंट की कीमतों में वृद्धि जनता पर एक और चोट है। उन्होंने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी सवाल उठाया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें 2014 की तुलना में कम होने के बावजूद, पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए जा रहे हैं।
सुबोध हरितवाल के साथ बिलासपुर के अन्य कांग्रेस नेता जैसे जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी, विधायक अटल श्रीवास्तव, पूर्व विधायक शैलेश पांडेय, महापौर रामशरण यादव, और प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय मौजूद रहे।