छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार-भाटापारा जिले के कसडोल थाना क्षेत्र के छरछेड़ गांव में गुरुवार की शाम को एक भयावह घटना घटी, जिसमें एक ही परिवार के चार सदस्यों की निर्ममता से हत्या कर दी गई। इस घटना ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है। मृतकों में 47 वर्षीय चैतराम कैवर्त्य, उनकी दो बहनें जमुना (28) और यशोदा (30), और जमुना का 11 महीने का मासूम बेटा यश शामिल हैं।
प्राथमिक जांच के अनुसार, घटना का कारण जादू-टोने का शक बताया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि इस नृशंस हत्या के पीछे आरोपी भी उसी गांव के निवासी हैं और उनका चैतराम के परिवार के साथ पारिवारिक विवाद था। घटना के संदिग्धों में रामनाथ पटले और उनके दो बेटे शामिल हैं, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया है। गांव के लोगों के मुताबिक, रामनाथ की बेटी कुछ समय से बीमार थी, और परिवार का शक था कि यह बीमारी चैतराम की मां द्वारा किए गए जादू-टोने का परिणाम है।
घटना उस समय हुई जब आरोपियों ने शाम करीब 6 बजे चैतराम के घर में घुसकर उन पर हमला किया। हमलावरों ने धारदार हथियार और हथौड़े का इस्तेमाल किया, जिससे चारों की मौके पर ही मौत हो गई। यह हमला इतना अचानक और हिंसक था कि किसी को बचने का मौका तक नहीं मिला। चैतराम की मां, जिन पर जादू-टोने का आरोप था, घटना के वक्त घर पर नहीं थीं। वह अपने दूसरे बेटे के साथ बाहर गई हुई थीं, इसीलिए इस हमले में बच गईं।
हत्या की खबर मिलते ही पूरे गांव में मातम छा गया। गांव के लोग इस नृशंस हत्याकांड से दहशत में हैं और सदमे में हैं। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी है। शुरुआती पूछताछ में यह बात सामने आई है कि आरोपियों को चैतराम के परिवार पर जादू-टोने का शक था, जिसकी वजह से उन्होंने यह जघन्य अपराध किया।
यह घटना समाज में व्याप्त अंधविश्वास और जादू-टोने के प्रति लोगों की अंध श्रद्धा की एक और दुखद मिसाल है। छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में आज भी जादू-टोने के शक के चलते हिंसा और हत्याओं की घटनाएं होती रहती हैं। इस प्रकार के अंधविश्वासों को खत्म करने के लिए शिक्षा और जागरूकता की सख्त जरूरत है।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से लिया है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों। इस मामले में आरोपी परिवार और पीड़ित परिवार के बीच पहले से कोई अन्य विवाद होने की भी जांच की जा रही है।