बिलासपुर। प्रदेश में दिन-ब-दिन बढ़ती चोरी और डकैती की घटनाओं ने जनता और व्यापारियों को भयभीत कर दिया है। मंदिरों से लेकर सराफा व्यापारियों तक, किसी की संपत्ति सुरक्षित नहीं है। पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने प्रदेश की वर्तमान स्थिति पर गंभीर सवाल उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जनता त्राहिमाम कर रही है, पर सरकार सदस्यता अभियान और अन्य राजनीतिक गतिविधियों में व्यस्त है।
शैलेश पांडेय का कहना है कि आज प्रदेश में चोरी की घटनाएँ इतनी आम हो गई हैं कि लोग अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं करते। सीसीटीवी कैमरों की मौजूदगी भी अपराधियों के हौसले को कम करने में असफल हो रही है। व्यापारियों के लिए अब यह दोहरी चुनौती बन गई है कि वे व्यापार करें या अपनी जान-माल की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहें।
मंदिर और धार्मिक स्थल भी सुरक्षित नहीं
पांडेय ने विशेष रूप से मंदिरों का उल्लेख किया, जहाँ दानपेटी तक को भी चोरों ने निशाना बना लिया है। यह चिंताजनक है कि अब धर्मस्थल भी सुरक्षित नहीं हैं, और आमजन की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ दी गई है। चोरी की घटनाओं ने न केवल लोगों की संपत्ति को नुकसान पहुँचाया है, बल्कि उनके धार्मिक विश्वास को भी हिला दिया है। धार्मिक आयोजनों में बढ़ती भीड़भाड़ के बावजूद, लोग अब वहाँ जाने से कतराने लगे हैं क्योंकि वहाँ भी सुरक्षा का अभाव महसूस होता है।
अपराधियों के बढ़ते हौसले
शैलेश पांडेय ने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश में अपराधियों में कानून का कोई भय नहीं है। रामानुजगंज की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चोरों ने खुलेआम कैमरे के सामने चोरी की और बिना किसी डर के वहाँ से निकल गए। यह दर्शाता है कि कानून व्यवस्था में कितनी बड़ी कमी है और अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं।
व्यापारियों में असुरक्षा की भावना
सराफा व्यापारी और अन्य व्यापारी वर्ग विशेष रूप से असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पांडेय ने कहा कि व्यापारी अब इस चिंता में हैं कि वे व्यापार करें या अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा पर ध्यान दें। व्यापारी वर्ग को सरकार और पुलिस पर से विश्वास उठता जा रहा है, क्योंकि उनके लिए न तो दिन में सुरक्षा है और न रात में। दिनदहाड़े लूट की घटनाएँ अब आम हो गई हैं, और अपराधियों के लिए कानून का कोई डर नहीं बचा है।
सरकार और पुलिस पर सवाल
पांडेय ने सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पूरा प्रशासन राजनीतिक गतिविधियों और सदस्यता अभियानों में व्यस्त है, तो जनता की सुरक्षा का जिम्मा कौन लेगा? उन्होंने कहा कि विपक्ष और पत्रकारों की बातें भी सरकार को सुननी चाहिए और उन पर अमल करना चाहिए। अपराधों की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि सरकार अपराध पर काबू पाने में असफल रही है।