बिलासपुर। कांग्रेस के फरार नेता तैयब हुसैन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुई, जिसमें तैयब को जमानत आवेदन पेश करने से पहले जिला पुलिस के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया था। तैयब हुसैन पिछले कई महीनों से धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत फरार चल रहे थे, और पुलिस लगातार उनकी तलाश कर रही थी।
तैयब हुसैन पर दो अलग-अलग आत्महत्या के मामलों में धारा 306 के तहत अपराध दर्ज हैं। पहला मामला सकरी थाना क्षेत्र का है, जिसमें सिद्धान्त नागवंशी नामक युवक ने आत्महत्या की थी। इस मामले में तैयब और उनके सहयोगी अकबर खान पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था। दूसरा मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है, जहाँ रजब अली की मौत के बाद आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध दर्ज किया गया था।
इन दोनों ही मामलों में पुलिस ने अकबर खान को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, और वह फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। तैयब हुसैन, जो अब तक फरार थे, ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोर्ट ने उन्हें जिला पुलिस के सामने पेश होने का निर्देश दिया था।
इन दो आत्महत्या के मामलों के अलावा, तैयब हुसैन और अकबर खान के खिलाफ सिविल लाइन थाना क्षेत्र में एट्रोसिटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज है। इस मामले में फरियादी बंजारे की शिकायत पर अपराध कायम किया गया था। एट्रोसिटी के इस मामले में भी पुलिस ने तैयब को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तारी से पहले तैयब हुसैन ने आत्मसमर्पण की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, इस पूरे मामले पर पुलिस फिलहाल खुलकर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है, और विधिवत जांच जारी है।
तैयब हुसैन की गिरफ्तारी से यह साफ होता है कि पुलिस ने उन पर निगरानी बनाए रखी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन के बाद उन्हें गिरफ्तार करने में सफल रही। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन दोनों आत्महत्या और एट्रोसिटी के मामलों में आगे की कानूनी प्रक्रिया किस दिशा में जाती है।
यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें कांग्रेस के दो प्रमुख नेताओं के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं। पुलिस की सतर्कता और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तैयब हुसैन की गिरफ्तारी से इन मामलों में कुछ निर्णायक कदम उठने की संभावना है।
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