
बिलासपुर, 19 अक्टूबर 2024
आज का दिन बिल्हा ब्लॉक के जय भारत स्व सहायता समूह की दीदियों के लिए बेहद खास रहा। बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला के द्वारा समूह की दीदियों को लाभांश का चेक वितरित किया गया, जिससे उन्हें “लखपति दीदी” का गौरव प्राप्त हुआ। इस विशेष कार्यक्रम में उपस्थित विधायक शुक्ला ने समूह की मेहनत और सफलता की सराहना करते हुए उन्हें समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
जय भारत स्व सहायता समूह ने पिछले 1.6 वर्षों से पशु आहार इकाई का सफल संचालन किया है, जिससे अब तक 2 करोड़ से अधिक का टर्नओवर प्राप्त हुआ है। इस इकाई के माध्यम से समूह ने 21 लाख रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। इस सफलता का लाभांश आज सभी समूह सदस्यों के बीच वितरित किया गया, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।
स्व सहायता समूहों की स्थापना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। जय भारत स्व सहायता समूह ने इस उद्देश्य को सफलतापूर्वक पूरा किया है। समूह की महिलाओं ने पशु आहार निर्माण और बिक्री के क्षेत्र में लगातार मेहनत की और आज उनकी इस मेहनत का परिणाम सामने है। 21 लाख रुपये का लाभ अर्जित करना न केवल आर्थिक सफलता है, बल्कि यह इस बात का प्रमाण है कि महिलाएं किसी भी व्यवसाय में पुरुषों के बराबर भागीदार हो सकती हैं।
विधायक सुशांत शुक्ला ने इस अवसर पर कहा कि यह सफलता केवल दीदियों की मेहनत का नतीजा नहीं है, बल्कि सरकारी योजनाओं और सामुदायिक सहयोग का भी महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा, “महिलाओं की भागीदारी से ही समाज और देश प्रगति कर सकता है। यह समूह इस बात का जीवंत उदाहरण है कि सही मार्गदर्शन और समर्थन से महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र और सशक्त हो सकती हैं।”
लाभांश के वितरण के बाद समूह की हर सदस्य को “लखपति दीदी” के नाम से पहचाना जा रहा है। यह उपलब्धि न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है। अब ये महिलाएं अपने परिवार की आर्थिक रीढ़ बनकर उभर रही हैं। समूह की एक सदस्य ने कहा, “आज हम गर्व से कह सकते हैं कि हम न केवल घर का खर्च चला रही हैं, बल्कि अपनी मेहनत से समाज में भी एक नई पहचान बना रहे हैं।”
इस सफलता से उत्साहित जय भारत स्व सहायता समूह की दीदियां अब अपनी इकाई के विस्तार की योजना बना रही हैं। वे अपनी उत्पादन क्षमता को और बढ़ाकर राज्य के अन्य हिस्सों में भी अपने उत्पादों को पहुंचाने का लक्ष्य रख रही हैं। इसके साथ ही वे अन्य महिलाओं को भी समूह से जोड़ने की दिशा में काम कर रही हैं, ताकि और अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें।
समूह की इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अगर महिलाएं एकजुट होकर काम करें और उन्हें सही मार्गदर्शन मिले, तो वे किसी भी चुनौती को पार कर सकती हैं और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकती हैं।