बिलासपुर। नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस की बैठक में सोमवार को हलचल का माहौल रहा। बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच गंभीरता की कमी और अव्यवस्थित व्यवहार ने माहौल को असहज बना दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद एवं पूर्व सभापति शेख नजीरुद्दीन ने अपने संबोधन में स्थिति पर तंज कसते हुए कहा कि “कांग्रेसी कार्यकर्ता बैठक में कांग्रेस को सुनने के लिए कम, तमाशा करने ज़्यादा आते हैं।” उनकी इस टिप्पणी ने माहौल को और गर्म कर दिया, और बैठक में उपस्थित लोग एक-दूसरे को देखकर असमंजस में पड़ गए।
बैठक में कार्यकर्ताओं के शोर-शराबे और अनुशासनहीनता को देखकर बिलासपुर प्रभारी सुबोध हरितवाल ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने सख्त लहजे में कहा, “बैठक में सुशासन और अनुशासन बनाए रखना अनिवार्य है। चुनाव को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए यह आवश्यक है कि हम एकजुटता और गंभीरता के साथ काम करें।”
सुबोध हरितवाल ने मंचासीन पदाधिकारियों से अपील की कि वे कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहने की सलाह दें और उनकी बातों पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव के दौरान एकता और समर्पण सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।
बैठक के दौरान जब कार्यकर्ताओं के बीच बातचीत और शोर बढ़ा, तो मंचासीन पदाधिकारियों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यह समय आपसी मतभेदों को भुलाने और संगठन को मजबूत करने का है। वरिष्ठ नेताओं ने बार-बार यह संदेश दिया कि चुनाव की सफलता तभी संभव है जब सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर काम करें।
बैठक के अंत में यह स्पष्ट किया गया कि आगामी नगरीय निकाय चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। संगठन को मजबूत बनाने और जनता के बीच पार्टी की छवि को बेहतर करने के लिए सभी कार्यकर्ताओं को समर्पित प्रयास करने होंगे।
सुबोध हरितवाल के नेतृत्व में एक मजबूत और अनुशासित टीम तैयार करने की योजना पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि नेतृत्व में विश्वास बनाए रखना और सामूहिक प्रयासों से ही पार्टी की जीत सुनिश्चित होगी।
इस बैठक ने एक ओर जहां कार्यकर्ताओं की अनुशासनहीनता को उजागर किया, वहीं दूसरी ओर पार्टी नेतृत्व ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देने का प्रयास किया। नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को एकजुटता और अनुशासन के साथ मैदान में उतरना होगा, ताकि वह अपनी सफलता सुनिश्चित कर सके।