बिलासपुर में एक बड़े धोखाधड़ी मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें एक व्यापारी को दवा और सर्जिकल उपकरण की सप्लाई के नाम पर 3.15 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया। पुलिस ने इस मामले में सिरगिट्टी थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज कर ली है।
शिकायतकर्ता राकेश खरे, जो एक व्यवसायी हैं, ने पुलिस में आवेदन दिया कि नरेंद्र सिन्हा सहित कुछ अन्य लोगों ने उनसे दवा और सर्जिकल उपकरण सप्लाई करने के नाम पर करोड़ों रुपये ऐंठ लिए। आरोपियों ने झूठे वादे करके पैसे लिए लेकिन न तो कोई सामान दिया और न ही रकम वापस की।
आरोपियों ने व्यवसायी को भरोसे में लेने के लिए पहले कुछ छोटे लेन-देन किए और फिर बड़े ऑर्डर का लालच देकर करोड़ों रुपये का भुगतान करवा लिया। जब व्यापारी ने सामान की डिलीवरी की मांग की तो आरोपियों ने टाल-मटोल करना शुरू कर दिया। इसके बाद जब उन्होंने रकम वापस मांगने की कोशिश की तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।
व्यापारी ने जब ठगे जाने का एहसास किया, तो उन्होंने सिरगिट्टी थाना में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर नरेंद्र सिन्हा और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी (IPC की धारा 420) का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
पुलिस इस मामले में आरोपियों की संपत्तियों, बैंक खातों और उनके पिछले लेन-देन की जांच कर रही है। इस बात की भी संभावना है कि इस गिरोह ने अन्य व्यापारियों को भी इसी तरह ठगा हो।
यह मामला व्यापारियों के लिए एक चेतावनी है कि वे किसी भी बड़े सौदे को फाइनल करने से पहले पूरी तरह से जांच-पड़ताल कर लें। खासकर जब बड़ी रकम का लेन-देन हो, तो कानूनी दस्तावेज और गारंटी सुनिश्चित करनी चाहिए।
बिलासपुर पुलिस की यह जांच व्यापारिक जगत में धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक अहम कदम साबित हो सकती है।