
रायपुर। सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों को अब इलाज के लिए आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए देशभर में दुर्घटनाग्रस्त पीड़ितों के लिए कैशलेस इलाज योजना शुरू की है। यह योजना 5 मई 2025 से पूरे देश में लागू हो गई है, जिसे “सड़क दुर्घटना पीड़ितों का नगदी रहित उपचार योजना 2025” नाम दिया गया है। इसके तहत घायल व्यक्ति को इलाज के लिए 1.5 लाख रुपये तक की राशि कैशलेस रूप से उपलब्ध कराई जाएगी।
कैशलेस इलाज की प्रमुख बातें:
- राजपत्र में प्रकाशन: इस योजना को केंद्र सरकार द्वारा 5 मई 2025 को राजपत्र में प्रकाशित किया गया है, जिससे यह पूरे देश में लागू हो गई है।
- चुनिंदा अस्पतालों में इलाज: प्रत्येक राज्य सरकार को निर्देशित किया गया है कि वे अपने राज्य में कुछ अस्पतालों को चिन्हित करें, जहां इस योजना के तहत इलाज उपलब्ध होगा।
- डेढ़ लाख रुपये की सीमा: सड़क दुर्घटना में घायल किसी भी व्यक्ति को इलाज हेतु अधिकतम 1,50,000 रुपये तक की कैशलेस सुविधा मिलेगी।
- इलाज की अवधि: यह सुविधा दुर्घटना की तारीख से सात दिन की अवधि के भीतर मिलेगी।
- नकद की आवश्यकता नहीं: यह पूरी तरह कैशलेस प्रणाली के तहत कार्य करेगी। पीड़ित या परिजनों को नकद राशि नहीं देनी होगी।
- केंद्र सरकार करेगी भुगतान: इलाज के खर्च का भुगतान केंद्र सरकार सीधे अस्पताल को करेगी।
छत्तीसगढ़ में अमल की तैयारियां:
छत्तीसगढ़ में इस योजना को लेकर अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) के अध्यक्ष संजय शर्मा ने सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर योजना के समुचित क्रियान्वयन और निगरानी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को चिन्हांकित अस्पतालों में समय पर और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिले।
योजना का उद्देश्य:
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को समय पर बेहतर इलाज दिलाना है ताकि जानमाल की हानि को कम किया जा सके। कई बार आर्थिक तंगी के कारण घायलों को समुचित इलाज नहीं मिल पाता था, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती थी। यह योजना उस स्थिति को बदलने की दिशा में एक अहम कदम है।