बिलासपुर। जिला मुख्यालय में आबकारी विभाग की निष्क्रियता और लापरवाही अब खुलकर सामने आने लगी है। राजधानी रायपुर से आए आबकारी विभाग की टीम ने कुछ दिन पहले चकरभाठा और आसपास के गांवों में बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध शराब जब्त की थी और आरोपियों को गिरफ्तार कर मामला स्थानीय पुलिस को सौंपा था। लेकिन स्थानीय आबकारी अधिकारियों की निष्क्रियता का आलम यह है कि अब महिलाएं भी बिना किसी डर के घरों में शराब बना और बेच रही हैं।
बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर जिले भर में अवैध शराब कारोबार पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में 26 मई को थाना चकरभाठा की पुलिस टीम ने वर्मा मोहल्ला वार्ड क्रमांक 09 और अचानकपुर वार्ड क्रमांक 05 में दबिश देकर चार महिलाओं को अवैध शराब के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया। उनके पास से कुल 210 लीटर कच्ची महुआ शराब जब्त की गई, जिसकी बाजार कीमत लगभग 42,000 रुपये है। इसके अलावा, 2000 किलो महुआ लहान भी बरामद कर मौके पर नष्ट किया गया।
गिरफ्तार महिलाएं और बरामद शराब
- लक्ष्मी बाई वर्मा: 45 लीटर कच्ची महुआ शराब जब्त
- रानी वर्मा: 60 लीटर
- अमचूरी भाई सौरा: 45 लीटर
- फोना सौरा: 60 लीटर
सभी महिलाओं के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) के तहत कार्यवाही की गई है और उन्हें रिमांड पर न्यायालय में पेश किया गया।
बड़ा सवाल: आबकारी विभाग आखिर कर क्या रहा है?
जहां एक ओर पुलिस विभाग लगातार अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, वहीं आबकारी विभाग की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। क्या यह विभागीय लापरवाही है या माफियाओं से मिलीभगत? सवाल गंभीर हैं और जवाब जिम्मेदार अफसरों को देना होगा। क्योंकि जब महिलाएं भी खुलेआम शराब बना रही हों और विभाग आंखें मूंदे बैठा हो, तो यह एक बड़ा प्रशासनिक संकट है।
अब देखना होगा कि आबकारी विभाग अपनी जिम्मेदारी कब निभाता है, या फिर राजधानी से ही बार-बार टीमें बुलाकर जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखनी पड़ेगी। फिलहाल, बिलासपुर पुलिस की इस सख्त कार्रवाई ने क्षेत्र में अवैध शराब कारोबारियों में खौफ जरूर पैदा किया है।