बिलासपुर। जिला मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर लंबे समय से चल रहे अवैध शराब के कारोबार पर आखिरकार आबकारी विभाग की नजर पड़ी और मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। छुटकू, खरगहना और जलसों गांव में हुई छापेमारी के दौरान विभाग ने 79 लीटर कच्ची शराब और 900 किलोग्राम लहान जब्त किया, जबकि बड़ी मात्रा में लहान को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।
सबसे चौंकाने वाली कार्रवाई खरगहना गांव से सटे जंगल में हुई, जहां नदी किनारे कच्ची शराब की अस्थायी फैक्ट्री चलाई जा रही थी। यहां चार चूल्हों पर लहान पकाया जा रहा था। विभाग की टीम ने मौके से 55 लीटर कच्ची शराब और 810 किलोग्राम लहान बरामद किया, जबकि सभी चूल्हों को तोड़ते हुए इस अवैध धंधे पर अंकुश लगाया गया।
दूसरी ओर, घुटकू गांव में कुंती वर्मा के घर दबिश के दौरान 15 लीटर शराब जब्त की गई, वहीं जलसो कोनी में इंद्रकुमार वर्मा के घर से 9 लीटर कच्ची शराब मिली। तलाशी अभियान के दौरान अधिकांश स्थानों पर आरोपी मौके से फरार हो गए, लेकिन दो लोगों को गिरफ्तार कर आबकारी अधिनियम के तहत जेल भेजा गया है।
सूत्रों के अनुसार, इन क्षेत्रों में लंबे समय से अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा था, लेकिन यह पहली बार है जब आबकारी विभाग ने इतनी संगठित और सख्त कार्रवाई की है। ग्रामीण इलाकों में यह कारोबार गुपचुप तरीके से जारी था, जिससे न सिर्फ स्वास्थ्य को नुकसान हो रहा था बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे थे।
इस कार्रवाई में एडीईओ कल्पना राठौर, छबिलाल पटेल, एसआई धर्मेंद्र शुक्ला, ऐश्वर्या मिंज समेत पूरी आबकारी टीम शामिल रही। उन्होंने जंगल और गांवों में सघन तलाशी अभियान चलाते हुए शराब बनाने की सामग्रियों को जब्त और नष्ट किया।