भानुप्रतापपुर। नगर पंचायत चुनाव आरक्षण के बाद भानुप्रतापपुर सीट अनारक्षित होने के कारण एक बार फिर नगर पंचायत चुनाव में घमासान देखने को मिलेगा। इस बार कुछ राजनीतिक परिदृश्य बदले बदले से नजर आ रहे हैं, क्योंकि गत चुनाव में भाजपा सत्ता में थी तो इस बार कांग्रेस सत्ता में जिसके चलते नगर में प्रत्याशियों की लंबी लिस्ट रहने की संभावना है।
बता दें कि भाजपा सत्ता में नहीं रहने के कारण हर चाल बड़े सोच विचार कर रखेगी, वर्तमान में नगर की सत्ता भाजपा के कब्जे में हैं और जिला युवा मोर्चा के अध्यक्ष नगर पंचायत के अध्यक्ष हैं। पिछले 5 वर्षों में नगर में हुए विकास कार्यों के दम पर वे पुनः चुनावी समर में कूदने को तैयार है। भाजपा के पास इससे अच्छा नाम कोई दूसरा नहीं दिख रहा जो धनबल बाहुबल में सामने टिक सके।
वहीं कांग्रेस में प्रत्याशी तय होने के बाद ही आगे की रणनीति बन पाएगी। तो भाजपा निखिल राठौर के नाम को सामने रखकर अपनी गोटी बिठाने में तेजी से लग गई है। वार्डो में पार्षद एवं अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का चयन के बाद ही दखल प्रारंभ होगा पर चतुराई से इन पदों की प्रत्याशियों का चयन भी आधे मैदान मार लेने के बराबर होता है। वैसे तो दोनों राष्ट्रीय दलों के अतिरिक्त आप पार्टी, जोगी कांग्रेस, शिवसेना सहित अन्य दल भी अपना भाग्य अजमाआएंगे पर अब तक नगर के इतिहास के अनुसार दोनों राष्ट्रीय दलों में ही मुख्य मुकाबला होना तय है।
वार्डों के आरक्षण के बाद वर्तमान 15 पार्षदों में से 10 को अपने लिए नया स्थान तलाशना होगा। अब देखना यह है की कौन किस पार्टी से उम्मीदवार बन पाता है, यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा। वही नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से वर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष निखिल राठौर का नाम लगभग तय माना जा रहा है भाजपा से मंडल अध्यक्ष नरोत्तम सिंह चौहान भी अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं, तो दूसरी ओर राष्ट्रीय कांग्रेस से सुनील बबला पाढ़ी या वर्तमान पार्षद भगवती गजेंद्र के नाम पर मुहर लगा सकती है।