आईटी सेक्टर की बड़ी शख्सियत अजीम प्रेमजी और उनकी पत्नी यासीम ने शनिवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है. जिसमें बेंगलुरु अदालत द्वारा जारी किए गए समन को रद्द करने की मांग की गई है. दरअसल, ये समन अजीम प्रेमजी द्वारा अधिकृत कंपनी विद्या, रीगल और नेपियन नामक तीन कंपनियों का हाशिम इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी के साथ मर्ज करने के खिलाफ दर्ज की गई आपराधिक शिकायत के आधार पर जारी किया गया है.
अजीम प्रेमजी और उनकी पत्नी ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल याचिका में कहा है कि ये तीनों कंपनियां जिन्हें साल 1974 में पुनर्गठित किया और वर्ष 1980 में इनका शेयर होल्डिंग इस प्रकार से लिंक किया गया. जिसके तहत तीनों में से कोई भी दो कंपनियां तीसरी कंपनी की मालिक होंगी. इस पूरी प्रक्रिया को वर्ष 2015 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) आरबीआई को संज्ञान में लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय की हरी झंडी के बाद किया गया था. इसका पूरा ब्यौरा सेबी, स्टॉक एक्सचेंज और कंपनी मामलों के मंत्रालय को 2015 में दी गई थी.
आपको बता दें कि हाशिम इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी में तीन कंपनियों के इस तरह मर्जर के खिलाफ चेन्नई की एक कंपनी ने लोअर कोर्ट में अपराधिक मुकदमा दाखिल कर दिया था. जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेकर अजीम प्रेमजी और उनकी पत्नी के खिलाफ समन भेजा था.
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