बिलासपुर। पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने कहा कि कभी अपनी सांस्कृतिक धरोहर और शांतिपूर्ण माहौल के लिए जाना जाता था, आज प्रदेश में अपराधों के मामले में शीर्ष पर है। यह चिंता का विषय तब और बढ़ जाता है जब आंकड़ों के अनुसार 30 जून तक बिलासपुर में 7506 अपराध दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 129 बलात्कार, 28 हत्या, 1743 मारपीट, 32 लूट और 1 डकैती शामिल हैं। यह स्थिति न केवल कानून-व्यवस्था की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि आम जनता की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करती है।
पूर्व विधायक शैलेश पांडेय का तीखा सवाल
पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने हाल ही में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राज्य सरकार, विशेष रूप से डिप्टी सीएम और ग्रह मंत्री विजय शर्मा पर तीखा हमला बोला। शैलेश पांडेय ने खुलकर सवाल किया कि आखिर क्यों बिलासपुर, अपराधों में छत्तीसगढ़ में पहले स्थान पर है? उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि विधायक बनने से पहले अमर अग्रवाल ने बिलासपुर को अपराध मुक्त करने का वादा किया था, लेकिन उनके वादे खोखले साबित हुए। आज शहर में चाकूबाजी और हत्याओं की घटनाएँ आम हो गई हैं और महिलाओं तथा बेटियों की सुरक्षा पूरी तरह से खतरे में है।
चाकूबाजी, हत्या और दुष्कर्म की बढ़ती घटनाएँ
बिलासपुर में रोजाना चाकूबाजी और हत्याओं की घटनाएँ हो रही हैं, जिससे आम नागरिकों में भय का माहौल बना हुआ है। महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा को लेकर स्थिति बेहद चिंताजनक है। शैलेश पांडेय ने यह भी कहा कि बिलासपुर में महिलाओं के खिलाफ अपराध, विशेषकर दुष्कर्म की घटनाओं में इजाफा हुआ है। मासूम बच्चियों के साथ भी अत्याचार की घटनाएँ सामने आ रही हैं, जिससे शहर में महिलाओं की सुरक्षा पर गहरा प्रश्नचिह्न लग गया है।
नशा, अवैध तस्करी और अन्य अपराधों का जाल
शैलेश पांडेय ने आरोप लगाया कि बिलासपुर में न केवल सामान्य अपराध बढ़े हैं, बल्कि नशे का व्यापार, गाँजा तस्करी, अवैध शराब और अवैध उत्खनन जैसे संगठित अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं। शहर में अवैध गतिविधियों का जाल इस हद तक फैल चुका है कि पुलिस भी इन पर नियंत्रण पाने में नाकाम साबित हो रही है।
पुलिस और कानून व्यवस्था पर सवाल
पूर्व विधायक ने यह सवाल उठाया कि बिलासपुर पुलिस अपराधों को रोकने में असफल क्यों हो रही है? आखिरकार, जब शहर में इतनी बड़ी घटनाएँ हो रही हैं, तो पुलिस का क्या रवैया है? राह चलते चाकूबाजी की घटनाएँ इस बात का प्रमाण हैं कि शहर में आम नागरिकों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा की अनदेखी भी चिंताजनक है।
चुनावी वादे और असलियत
शैलेश पांडेय ने विधायक अमर अग्रवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव के दौरान बिलासपुर को अपराध मुक्त करने का वादा किया था, लेकिन उनकी यह बात केवल एक चुनावी झाँसा थी। उन्होंने चुनाव जीतने के बाद शहर के नागरिकों को भुला दिया और “मौन बाबू” बन गए।
डिप्टी सीएम और ग्रह मंत्री से उम्मीद
डिप्टी सीएम और ग्रह मंत्री विजय शर्मा के बिलासपुर आगमन पर शैलेश पांडेय ने उम्मीद जताई कि वे जनता को झूठे वादे नहीं करेंगे और कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ठोस कदम उठाएंगे। शैलेश पांडेय का सवाल है कि क्या विजय शर्मा भी बैठक के बाद “मौन बाबू” बनकर बिलासपुर की जनता को झाँसा देकर चले जाएँगे या वे शहर की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण के लिए वास्तविक कदम उठाएँगे?
बिलासपुर में बढ़ते अपराध, महिलाओं की सुरक्षा में गिरावट, और कानून व्यवस्था की बदहाली ने शहरवासियों को असुरक्षित महसूस कराया है। पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने जो सवाल उठाए हैं, वे न केवल सरकार के लिए एक चुनौती हैं, बल्कि इस बात का भी संकेत हैं कि अब समय आ गया है जब राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को कठोर कदम उठाने की जरूरत है। जनता को सुरक्षा और विश्वास तभी मिलेगा जब कानून व्यवस्था में सुधार होगा और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।