बिलासपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा को बड़ी सफलता मिली, जबकि कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, इस चुनाव में विवाद और हंगामा भी जमकर हुआ। कांग्रेस ने भाजपा पर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाया और जिला प्रशासन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जिला प्रशासन के निर्देश के बावजूद भाजपा नेताओं ने चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की। कांग्रेस का आरोप है कि उनके नेता चुनावी गतिविधियों के दौरान कार्यालय के बाहर पंडाल के नीचे बैठे थे, लेकिन भाजपा नेता चुपचाप दूसरे दरवाजे से कार्यालय के अंदर पहुंचकर अपने दल के सदस्यों को मार्गदर्शन दे रहे थे।
इस दौरान कांग्रेस को खबर मिली कि भाजपा संगठन के पदाधिकारी और जिला अध्यक्ष दीपक सिंह चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। यह सुनते ही जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी और कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
हंगामे के बीच प्रशासन हरकत में आया
हंगामे की स्थिति को देखते हुए जिला पंचायत कार्यालय और पुलिस प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की। दोनों दलों के नेताओं को कार्यालय से बाहर किया गया। लेकिन इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी और भाजपा अध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर के बीच तीखी नोकझोंक हुई। माहौल इतना गरम हो गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
केशरवानी ने स्पष्ट कहा कि जब तक भाजपा नेताओं को पूरी तरह बाहर नहीं किया जाएगा, तब तक वे चुनाव नहीं होने देंगे। इस विवाद के बीच जिला प्रशासन को पंचायत कार्यालय का एक दरवाजा बंद करना पड़ा ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे।