पान, इलाइची, लौंग, यूं तो आमतौर पर मुखशुद्धि के लिए या तो हमारे आपके घर के किचन में मसाले के रूप में पाए जाते हैं। इचाइची चाहे छोटी हो या बड़ा दोनों ही बड़े काम की होती है। जहां बड़ी इलायची व्यंजनों को लजीज बनाने के लिए एक मसाले के रूप में इस्तेमाल की जाती है। वहीं हरी इलायची मिठाइयों की खुशबू बढ़ाती है। मेहमानों की आवभगत में भी इलायची का इस्तेमाल होता है। लेकिन इसके लाभ और गुण शायद ही आप जानते हो, क्योंकि एक इलाइची में इतने गुण होते हैं कि आप जानकर हैरान हो जाएंगे। इलाइची औषधीय गुणों की खान है। पुराणों में इसको एला कहा जाता है।
सच बात तो ये हैं कि इलायची को मसालों की महारानी कहा जाता है। तेज सुगन्ध और स्वाद की वजह से इसका इस्तेमाल ज्यादातर सभी व्यंजनों में किया जाता है। साथ ही अरोमाथेरेपी में भी इलायची के तेल का प्रयोग किया जाता है। इलायची पाचनवर्धक तथा रुचिवर्धक होती है। वहीं आयुर्वेद के अनुसार इलाचयी शीतल, तीक्ष्ण, मुख को शुद्ध करनेवाली, पित्तजनक तथा वात, श्वास, खाँसी, बवासीर, क्षय, वस्तिरोग, सुजाक, पथरी, खुजली, मूत्रकृच्छ तथा हृदयरोग में लाभदायक है।
इलायची के औषधीय गुण :
खराश- यदि आवाज बैठी हुई है या गले में खराश है, तो सुबह उठते समय और रात को सोते समय छोटी इलायची चबा-चबाकर खाएँ तथा गुनगुना पानी पीएँ।
सूजन- यदि गले में सूजन आ गई हो, तो मूली के पानी में छोटी इलायची पीसकर सेवन करने से लाभ होता है।
सर्दी- खाँसी और छींक होने पर एक छोटी इलायची, एक टुकड़ा अदरक, लौंग तथा पाँच तुलसी के पत्ते एक साथ पान में रखकर खाएँ।
उल्टी- बड़ी इलायची पाँच ग्राम लेकर आधा लीटर पानी में उबाल लें। जब पानी एक-चौथाई रह जाए, तो उतार लें। यह पानी पीने से उल्टियाँ बंद हो जाती हैं।
छाले- मुँह में छाले हो जाने पर बड़ी इलायची को महीन पीसकर उसमें पिसी हुई मिश्री मिलाकर जबान पर रखें। तुरंत लाभ होगा।
बदहजमी- यदि केले अधिक मात्रा में खा लिए हों, तो तत्काल एक इलायची खा लें। केले पच जाएँगे और आपको हल्कापन महसूस होगा।
जी मिचलाना- बहुतों को यात्रा के दौरान बस में बैठने पर चक्कर आते हैं या जी घबराता है। इससे निजात पाने के लिए एक छोटी इलायची मुँह में रख लें।
ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए फायदेमंद– जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की दिक्कत हो वे इलायची का नियमित रूप से इस्तेमाल करें एैसा करने से ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है और आराम भी मिलता है।
इलायची पेट में गैस और एसिडिटी में राहत देती है। यदि खाना खाने के बाद एसिडिटी हो तो आप तुंरत इलायची खाएं।
मुंह में छाले हो जाने पर बड़ी इलायची को महीन पीसकर उसमें पिसी हुई मिश्री मिलाकर जबान पर रखें। तुरंत लाभ मिलेगा।
पाचन क्रिया को ठीक करने में मददगार होती है इलायची खाने से हाजमा दुरुस्त रहता हैं। एक शोध में ऐसा पाया गया है कि इलाइची पाचन तंत्र को सुधरने में बेहद कारगर है।
इलाइची खाने से भूख बढ़ाती है, यह इलायची मुंह के अल्सर से भी राहत दिला सकता है।