दवा एवं फर्नीचर खरीदी में गड़बड़ी, डॉ. गढ़ेवाल समेत तीन के खिलाफ होगी विभागीय जांच
बिलासपुर :- बिल्हा के पूर्व बीएमओ समेत तीन अफसरों के खिलाफ हुई जांच में आर्थिक अनियमित्ता की पुष्टि हो गई है। सीएमएचओ ने तीनों अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच करने के लिए संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं बिलासपुर को पत्र लिखा है।
प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष रविंद्र तिवारी व सदस्यों ने बिल्हा के पूर्व बीएमओ डॉ. शरद गढ़ेवाल, स्वास्थ्य मिशन के आरएमए डॉ. अनिल अग्रवाल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लिंगियाहीह की सहायक चिकित्सा अधिकारी मधुरिमा श्रीवास के खिलाफ आर्थिक अनियमितता की शिकायत की थी। इन पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। सीएमएचओ डॉ. बी बी बोर्ड ने इन सभी के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की थी। इनमें डॉ. सुजाय मुखर्जी, डॉ. राजेश शुक्ला और डॉ. अविनाश खरे शामिल थे। टीम ने जांच कर अपनी रिपोर्ट सीएमएचओ डॉ. बोर्डे को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट के अनुसार तीनों अफसरों के खिलाफ मिली 6 शिकायतों पर जांच की गई है। ये सभी अक्टूबर 2017 के पहले के मामले हैं। सीएमएचओ डॉ. बोर्डे ने संभागीय संयुक्त संचालक को लिखे गए पत्र में कहा है कि जांच टीम ने तीनों के खिलाफ विभागीय जांच की सिफारिश की है। इसलिए तीनों के खिलाफ विभागीय जांच बिठाई जाए।
जांच रिपोर्ट
1:- जांच में यह पुष्टि हो गई कि पूर्व बीएमओ डॉ. गढ़ेवाल व आरएम डॉ. गढ़ेवाल ने एक गर्भवती महिला से प्रसव के नाम पर 10 हजार वसूले थे। बाद में शिकायत होने पर दोनों ने सार्वजनिक रूप से रुपए लौटा दिए थे।
2:- तीनों अफसरों ने मिलकर 65-70 हजार रुपए की दवा खरीदी का बिल लगाया था, जबकि स्टॉक में यह दर्ज ही नहीं है कि कौन-कौन सी दवाएं खरीदी गई थीं। इससे साफ हो गया है कि कागज में ही दवा खरीदी कर ली गई।
3:- इसी तरह की गड़बड़ी फर्नीचर खरीदी में की गई है। ऑफिस के लिए फर्नीचर खरीदी का बिल तो है, लेकिन फर्नीचर कहां है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
4:- जब डॉ. गढ़ेवाल बीएमओ थे, तब उन्होंने बिल्हा की एक दुर्गोत्सव समिति को 500-500 रुपए चंदा देने के लिए फरमान सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को जारी कर दिया था। यह लेटर उनके कार्यालय की सील-मुहर से निकला था। इस तरह से सरकारी पत्र जारी कर डॉ. गढ़ेवाल ने पद का दुरुपयोग किया है।
5:- शासन ने 2015-16 व 2016-17 में सीएमएचओकार्यालय को बिल्हा ब्लॉक में टीए व वाहन खर्च आदि के लिए 75 लाख रुपए दिए थे। पैसे मिलने के बाद उस समय बीएमओ रहे डॉ. शरद गढ़ेवाल ने साजिश रची और गुपचुप तरीके से 21 लोगों को टीए व वाहन बिल के नाम पर 3 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। यही नहीं, बिल्हा के तत्कालीन बीएमओ डॉ. गढ़ेवाल ने खुदके लिए तकरीबन 50 हजार रुपए निकाले है, जबकिउन्हें सरकारी वाहन की सुविधा उपलब्ध है।वार्ड ब्वाय वलैब टेक्निशियन के नाम से भी 40हजार से अधिक निकाले गए हैं। आरएचओ को भी भुगतान किया गया है, जबकि उन्हें शासन आने–जाने के विशेष राशि देता है।