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क्राइम

बिलासपुर: रिंग बना कर बिजली विभाग को चूना लगा रहे ठेकेदार, बाहरी ठेकेदार के टेंडर भरने पर जम कर मारपीट, दोनो पक्षों में हुई एफआईआर…

बिलासपुर। बिजली विभाग में रिंग बना कर टेंडर डालने वाले ठेकेदारों ने बाहरी ठेकेदार को टेंडर उठाने कहा। मना करने पर दोनो पक्षों में जम कर मारपीट हो गई। पुलिस ने दोनो पक्षों पर एफआईआर दर्ज कर लिया है। घटना सिरगिट्टी थाना क्षेत्र की है।

मिली जानकारी के अनुसार सिरगिट्टी थाना क्षेत्र के तिफरा में स्थित बिजली विभाग के दफ़्तर में 1 सितंबर को विद्युत कार्य के दो कामों के लिए टेंडर डाला जाना था। जिसके लिए सरकंडा बंगालीपारा में रहने वाले एएसके फर्म के संचालक अभिनव शर्मा ने फार्म भरा था। मिली जानकारी के अनुसार रिंग के अन्य ठेकेदारों ने उस पर टेंडर फार्म उठा लेने का दबाव बनाया। जिसे अभिनव शर्मा ने इंकार करते हुए कहा कि मैने नियमतः टेंडर भरा है आप लोग भी भर कर कंपीटिशन करिये। फिर जिसका बिलो टेंडर होगा उसे काम मिल जाएगा। जिससे नाराज बिजली विभाग ठेकेदार संघ के अध्यक्ष मनीष राठौर, राकेश मिश्रा, रमेश साहू , विजय अंचतानी ने उनके साथ अश्लील गाली गलौच शुरू कर दी। जिसका वीडियो भी वाइरल हुआ है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि ठेकेदार अभिनव शर्मा के साथ ठेकेदार के साथ संघ के अध्यक्ष मनीष राठौर गाली गलौच कर रहे हैं। और अभिनव शर्मा उनके सामने हाथ जोड़ रहा है फिर भी मनीष राठौर उसे गालियां दे रहे हैं। और फोन पर दो सौ लड़के बुलवा उठवा लेने की धमकी दे रहे हैं।

रिंग के ठेकेदारों के दबाव के बावजूद भी अभिनव शर्मा ने टेंडर नही उठाया। और टेंडर ओपन होने पर बिलो रेट डालने के कारण उसे दोनो टेंडर मिल गए। जिससे नाराज रिंग के ठेकेदार मनीष राठौर, राकेश मिश्रा, रमेश साहू व विजय अंचतानी व उनके अन्य साथियों ने अभिनव शर्मा पर हमला कर दिया। जिसके बाद दोनों पक्षों में जम कर मारपीट हो गई। मारपीट के बाद दोनों पक्षों ने सिरगिट्टी थाना पहुँच कर एक दूसरे पक्षों पर एफआईआर दर्ज करवाई है।

क्या होता हैं रिंग सिस्टम, कौन हैं इसका मास्टर माइंड:-

रिंग सिस्टम वह प्रक्रिया होती है जिसमे ठेकेदार मैनेज होकर ऊंची दरो में ठेका डालते हैं। उदाहरण के लिए यदि एक करोड़ का ठेका निकला है तो सिर्फ एक ठेकेदार ही मनमानी दरों पर टेंडर भरेगा। कई बार यह राशि स्वीकृत राशि से भी अधिक होती है। मजबूरी में विभाग द्वारा टेंडर उसी ठेकेदार को देना पड़ जाता है क्योंकि उसके लिए सिर्फ एक ही टेंडर फार्म जमा हुआ था। फिर अगले टेंडर के लिए अगले ठेकेदार का नम्बर आता है जो फिर से ऊंची दरों में काम उठाता है। इस तरह से रिंग में शामिल ठेकेदार बारी बारी से मनमानी कीमतों पर काम लेते हैं। कोई अन्य बाहरी ठेकेदार इस काम मे न घुस सके इसके लिए रिंग के ठेकेदार भरपूर दबाव बनाते हैं। और साम दाम दंड भेद से किसी अन्य ठेकेदार को विभाग में घुसने नही देते।

एएसके फर्म के संचालक अभिनव शर्मा के द्वारा करवाई गई एफआईआर के मुताबिक बिजली विभाग ठेकेदार संघ के अध्यक्ष मनीष राठौर व एक अन्य ठेकेदार अभिनव तिवारी के द्वारा रिंग बना कर ठेका भरवाया जाता है। अभिनव शर्मा के मुताबिक मनीष राठौर व अन्य ठेकेदारों के द्वारा मुझसे कहा गया था कि अभिनव तिवारी के द्वारा तुझे फॉर्म भरने से मना किया गया है और अभिनव तिवारी से फोन पर बात करवाने की कोशिश करवाई। जिस पर मेरे द्वारा मना कर दिया गया। तो वही ठेकेदार राकेश मिश्रा ने अपनी एफआईआर में बताया है कि अभिनव शर्मा के द्वारा पास पड़े डंडे से उसे मारा गया।

नायब तहसीलदार को धमकी, धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र व मारपीट का आरोपी है अभिनव तिवारी:-

रिंग से बाहरी ठेकेदार अभिनव शर्मा के अनुसार रिंग बना कर टेंडर भरने वाले सिस्टम का सरगना बिजली विभाग के ठेकेदार अभिनव तिवारी को माना जाता है। बता दे कि अभिनव तिवारी के ऊपर कोटा थाने में वर्ष 2020 जुलाई के माह में धोखाधड़ी करने, आपराधिक षड्यंत्र रचने, परारूपण करने, एक की जगह दूसरे महिला को खड़ा कर डुप्लीकेट किसान किताब जारी करवाने की कोशिश व भेद खुल जाने पर अतिरिक्त तहसीलदार शिल्पा भगत को धमकाने की एफआईआर दर्ज हुई थीं। उसके खिलाफ सिविल लाइन थाने में भी मारपीट का अपराध दर्ज करवाया गया है।

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