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बिलासपुर

मणिपुर की घटना और फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले के विरुद्ध में सर्व आदिवासी समाज एवं SCST संगठन ने निकाला मसाल जुलूस, किया प्रदर्शन

मणिपुर राज्य में हो रहे आदिवासियों के ऊपर अत्याचार और छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर कर रहे नौकरी को बर्खास्त करने के

बिलासपुर। मणिपुर राज्य में हो रहे आदिवासियों के ऊपर अत्याचार और छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर कर रहे नौकरी को बर्खास्त करने के को लेकर अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के द्वारा में अंबेडकर चौक से नेहरू चौक तक मशाल रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।

प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रभाग प्रदेश अध्यक्ष सुभाष परते ने बताया कि मणिपुर राज्य में आदिवासियों एवं महिलाओं के ऊपर इतनी बर्बरता अत्याचार हो रही है जो आदिवासियों एवं मानवता की सोच रखने वालो की आंखें शर्म से झुक जाएगी इसलिए मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए।

छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप लगाते सुभाष परते ने कहा की फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे 267 लोगों की पहचान हो चुकी है लेकिन शासन और प्रशासन की संरक्षण में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्गों के हको को मार कर नौकरी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ऐसे लोगों को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए और फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर पनाह देने वाले अधिकारी कर्मचारियों को कड़ी से कड़ी सजा देना चाहिए। जो युवा फर्जी जाति प्रमाण पत्र की विरोध में धरना प्रदर्शन किये, अंग प्रदर्शन किये वह ध्यान आकर्षण के लिए किया गया था क्योंकि सरकार सुन नहीं रही थी इसलिए ऐसा कृत्य किया गया। उनको निशर्त रिहा करना चाहिए। छत्तीसगढ़ में अघोषित रूप से सीधी भर्ती एवं पदोन्नति में आरक्षण खत्म कर दिया गया है जिन्हें तत्काल सीधी भर्ती एवं पदोन्नति में आरक्षण बहाल करना चाहिए। अनुसूचित क्षेत्र में पांचवी अनुसूची, साथ ही साथ पेसा कानून तत्काल लागू हो।

इन सभी मांगों को लेकर अंबेडकर चौक से नेहरू चौक तक मशाल रैली निकाली गई जिसमें प्रमुख रूप से सर्व आदिवासी समाज सुभाष परते, जिला अध्यक्ष शिव चेचाम, राजेंद्र पोर्ते मनोज मरावी, सूरज मरकाम, राजेश नेताम, राजीव ध्रुव, सविता साय, दीप्ति धुरंधर, श्याम मुरत कौशिक, लक्ष्मीकांत कौशिक, अजय राय, आर.एस. टंडन, जितेन्द्र बंजारा, सागर बंजारे, सतीश रात्रे, जे.के.पाटले, पंडित विद्या शंकर भारद्वाज, सहित हजारों की संख्या में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग उपस्थित रहे।

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