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कोरोना वायरस: मंगलवार को समाप्त हो रही है Lockdown की अवधि, लेकिन उससे पहले होगा प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन!

कोरोना वायरस: मंगलवार को समाप्त हो रही है Lockdown की अवधि, लेकिन उससे पहले होगा प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन!

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि मंगलवार को समाप्त होने जा रही है। लेकिन उससे पहले इस अवधि को बढ़ाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को फैसला ले सकते हैं। वह इस मुद्दे पर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करेंगे। इससे पहले भी प्रधानमंत्री मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग कर चुके हैं।

बुधवार को सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग में पीएम ने कहा था कि वह देश भर में लागू लॉकडाउन की समय सीमा में परिवर्तन पर फैसला लेने से पहले सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से एक बार और बात करेंगे। जाहिर है कि देश में 6000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित है, जबकि 199 लोगों की मौत हो गई है।

हालाँकि लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल यानी मंगलवार को खत्म हो रही है। लेकिन, चर्चाओं में यह भी है कि लॉकडाउन का समय एक बार फिर बढ़ सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि मंगलवार को लॉकडाउन खत्म होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को एक बार फिर संबोधित कर सकते हैं। हालांकि, अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

गौरतलब है अब तक 80 फीसदी से ज्यादा मुख्यमंत्री लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने के पक्ष में हैं। वहीं, सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से जब पीएम ने बात की थी तो सबने लॉकडाउन का समय सीमा बढ़ाने के लिए कहा था। इसके बाद से कयास लगाया जा रहा है देश में लॉकडाउन की अवधि एक बार फिर बढ़ सकती है।

वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई बदलावों के साथ लॉकडाउन को बढ़ाया जा सकता है। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर स्कूल, कॉलेज और धार्मिक संस्थान बंद रहने की संभावना है। इधर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति रिपोर्ट में कहा है कि कोरोनो वायरस के प्रकोप से भारत की आर्थिक सुधार में तेजी से बदलाव आया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एयरलाइंस को धीरे-धीरे परिचालन फिर से शुरू करने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन सभी वर्गों में मिडिल सीट खाली रखा जा सकता है।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि सरकार की प्राथमिकता प्रत्येक जीवन को बचाना है। पीएम ने कहा था कि देश में इस समय स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ की तरह है, इसके लिए कड़े फैसलों की जरूरत है और हमें निरंतर सतर्क रहना चाहिए।

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