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स्वास्थ्य

छत्तीसगढ़: 365 स्कूली बच्चों की आंखें कमजोर, मोबाइल, टीवी ने बढ़ाया खतरा, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े…

बालोद। आज के फ़ास्ट जनरेशन में बच्चों में नेत्र रोग की समस्या बढ़ती जा रही है। मोबाइल और टीवी के अत्याधिक उपयोग से बच्चों में कई दुष्प्रभाव भी देखने को मिल रहें है। पढ़ाई को आसान बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन यह टेक्नॉलॉजी बच्चों के लिए घातक भी साबित हो रही है। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला है। जहां लगभग 11 हजार स्कूली बच्चों के आंखों का टेस्ट नेत्र रोग विशेषज्ञों द्वारा किया गया जिसमें लगभग 365 बच्चों में दृष्टि दोष पाया गया है।

मोबाइल, टीवी, कम्प्यूटर के अधिक उपयोग से बच्चों को रोकें

स्कूली बच्चों के जांच करने पहुंचे जिला चिकित्सालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ अनिल कुमार सिन्हा ने बच्चों व पालकों को मोबाइल व टेलीविजन के सकारात्म व कम से कम उपयोग करने की अपील की है। वहीं पालकों को इसके दुष्प्रभाव से भी अवगत कराया है। उहोने कहा कि छोटे बच्चों को ज्यादा मोबाइल व टेलीविजन का आदी न बनाएं। यह बच्चों के लिए घातक साबित हो रहा है। छोटे बच्चों को अत्यधिक टेक्नोलॉजी के प्रयोग से दुर रखना चाहिए।

147 स्कूलों में लगाया गया शिविर
बालोद जिले में बुधवार को 147 स्कूलों में शिविर लगाकर लगभग 11313 छात्रों के नेत्र का परीक्षण किया गया जिनमें से 365 बच्चों में दृष्टि दोष पाया गया। इसमें से 80 बच्चे गंभीर रूप से दृष्टि दोष से प्रभावित पाए गए। जिन्हें निशुल्क चश्मा प्रदान किया गया। डॉक्टरों के अनुसार यह काफी चिंता का विषय की अधिकतर बच्चों में नेत्र सबंधित परेशानियां पाई जा रही हैं। वहीं बाकी बच्चों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई।

इस तरह होते हैं नेत्र रोग के लक्षण
बालोद जिला चिकित्सालय के सहायक नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल कुमार ने पालकों और बच्चो को जानकारी देते हुए बताया कि इंसान की आंखों में नजर का विकास सात वर्ष की तक होता है। इस दौरान कई बार नजर के बारे में बच्चा समझ नहीं पाता, और जो दिखता है उसे ही सही समझता है। आंखों में मोबाइल, टेलीविजन अत्यधिक रौशनी के दुष्प्रभाव होने पर बच्चा आंखे बार-बार मसलता है, किसी भी वस्तु को पास जाकर देखने की कोशिश करता है, दूर देखने पर आंखें छोटी करता है तो समझ लेना चाहिए कि बच्चे को आंखों की समस्या है। इसके लिए समय पर चिकित्सक के पास जांच कराना चाहिए।

स्कूली बच्चों में पाया गया यह लक्षण
बच्चो के आंखों के जांच के दौरान बच्चों में कई प्रकार की शिकायतें डॉक्टरों को देखने मिली जिसमें कुछ बच्चों में नजर कमजोर होना, धुंधला पन, किसी वस्तु को देखने पर सिर दर्द, आंसू आना, दृष्टि सामान्य से कम होना व आंखों में एलर्जी होना, अधिक चॉकलेट खाने से दांतों में केविटी होना, कुछ बच्चों का उम्र के हिसाब से वजन कम पाया गया। वहीं कुछ में रक्त की भी कमी पाई गई। ऐसे बच्चों को चिन्हित किया गया और बच्चों की आंखों को स्वस्थ्य रखने की सलाह दी गई।

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