स्वास्थ्य

जेनेरिक दवाओं को लेकर आम जनता में कई भ्रम और गलतफहमियां: क्या ये वास्तव में नकली हैं?, क्या साइड इफेक्ट्स का होता है डर?…

स्वास्थ्य सेवा को सुलभ और किफायती बनाने के उद्देश्य से जेनेरिक दवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हालांकि, इन दवाओं के बारे में आम...

भारत में स्वास्थ्य सेवा को सुलभ और किफायती बनाने के उद्देश्य से जेनेरिक दवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हालांकि, इन दवाओं के बारे में आम जनता में कई भ्रम और गलतफहमियां हैं, विशेष रूप से यह धारणा कि जेनेरिक दवाएं नकली होती हैं। इस आर्टिकल का उद्देश्य जेनेरिक दवाओं के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करना और उनके वास्तविक महत्व को उजागर करना है।

जेनेरिक दवाएं क्या हैं?

जेनेरिक दवाएं वे दवाएं हैं जिनका फॉर्मूला और प्रभाव वही होता है जो ब्रांडेड दवाओं का होता है। इन्हें मूल दवा के पेटेंट की अवधि समाप्त होने के बाद बाजार में लाया जाता है। इनका निर्माण और वितरण सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार किया जाता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि इनका गुणवत्ता, सुरक्षा, और प्रभावशीलता ब्रांडेड दवाओं के बराबर हो।

जेनेरिक दवाओं को लेकर मुख्य भ्रांतियां

1. नकली दवाएं होने का भ्रम: जेनेरिक दवाओं को नकली मानने का सबसे बड़ा कारण उनकी कम कीमत है। लोग अक्सर सोचते हैं कि सस्ती होने के कारण इनकी गुणवत्ता कम होती है। जबकि हकीकत यह है कि जेनेरिक दवाएं कम कीमत पर इसलिए उपलब्ध होती हैं क्योंकि उन्हें ब्रांडेड दवाओं की तरह विपणन और विज्ञापन पर खर्च नहीं करना पड़ता। साथ ही, इन पर पेटेंट शुल्क भी नहीं लगता, जिससे इनकी लागत कम हो जाती है।

2. प्रभावशीलता में कमी: एक और भ्रम यह है कि जेनेरिक दवाओं की प्रभावशीलता ब्रांडेड दवाओं से कम होती है। जबकि वैज्ञानिक रूप से यह सिद्ध हो चुका है कि जेनेरिक दवाएं और ब्रांडेड दवाएं एक समान रूप से प्रभावी होती हैं। भारत में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता की जांच की जाती है और उनकी प्रभावशीलता को प्रमाणित किया जाता है।

3. साइड इफेक्ट्स का डर: लोग अक्सर मानते हैं कि जेनेरिक दवाओं से अधिक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जबकि सच यह है कि साइड इफेक्ट्स की संभावना सभी दवाओं में होती है, चाहे वे ब्रांडेड हों या जेनेरिक। जेनेरिक दवाओं के साइड इफेक्ट्स भी उतने ही होते हैं जितने ब्रांडेड दवाओं के।

जेनेरिक दवाओं का महत्व

1. सस्ती और सुलभ: जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं की तुलना में बहुत सस्ती होती हैं, जिससे आम जनता के लिए इलाज सुलभ हो जाता है। विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग के लोग इन दवाओं का सबसे अधिक लाभ उठाते हैं।

2. स्वास्थ्य सेवा में सुधार: जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता से स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में सुधार होता है। यह सुनिश्चित करता है कि अधिक से अधिक लोग समय पर इलाज करवा सकें, जिससे देश में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

3. देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: जेनेरिक दवाओं के उत्पादन और वितरण से देश की फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा मिलता है। यह न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि देश की स्वास्थ्य नीति के लिए भी लाभकारी है।

निष्कर्ष

जेनेरिक दवाओं के बारे में जो भ्रम फैलाया गया है, वह ज्यादातर जानकारी की कमी और गलत धारणाओं पर आधारित है। यह महत्वपूर्ण है कि लोग इन दवाओं के महत्व और गुणवत्ता को समझें और उनका सही तरीके से उपयोग करें। ब्रांडेड दवाओं की तुलना में जेनेरिक दवाएं न केवल सस्ती और सुलभ होती हैं, बल्कि उनके प्रभाव और सुरक्षा मानकों में भी कोई कमी नहीं होती। स्वास्थ्य सेवा को सभी के लिए सुलभ बनाने में जेनेरिक दवाएं एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं, जिसे समझने और अपनाने की जरूरत है।

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