बिलासपुर

खाद्य विभाग ने की सार्वजनिक वितरण प्रणाली की चार दुकानों के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही, खाद्य वितरण में गबन पाए जाने पर हुई कार्यवाही…

The Food Department took action of suspension against four shops of the Public Distribution System, action was taken after embezzlement was found in food distribution...

बिलासपुर। शासकीय सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में खाद्यान्न गबन का मामला सामने आने पर बिलासपुर के कोटा क्षेत्र में चार दुकानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। एसडीएम कोटा द्वारा इस संबंध में गंभीर अनियमितताओं का संज्ञान लेते हुए इन दुकानों को निलंबित कर दिया गया है। इन दुकानों में सरकारी चावल, शक्कर और नमक जैसी आवश्यक वस्तुओं का बड़े पैमाने पर गबन किया गया, जिससे सरकारी योजनाओं के उद्देश्य पर गहरा आघात लगा है।

जांच में पाया गया कि शासकीय उचित मूल्य की दुकानें, जो कि आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के अंतर्गत आती हैं, उन्होंने बड़ी मात्रा में खाद्यान्न की हेराफेरी की है। मिट्ठू नवागांव उपकेंद्र कोनचरा और सोनपुरी में संचालित दुकानों के प्रबंधक और विक्रेताओं ने कई क्विंटल चावल, शक्कर और नमक का गबन किया। प्रबंधक मनीष अग्रवाल और विक्रेता उत्तम कुमार जायसवाल द्वारा की गई इस गबन की मात्रा इतनी अधिक थी कि यह मामला प्रशासन की नजर में गंभीर अपराध के रूप में आया।

इसी तरह बेलगहना उपकेंद्र आमामुड़ा के प्रबंधक लतीफ खान और विक्रेता उदय राज सिंह द्वारा भी खाद्यान्न वितरण में बड़ी अनियमितता की गई। आनंद महिला स्व सहायता समूह कर्रा की अध्यक्ष पंच कुंवर बैसवाड़े, सचिव गायत्री देवी और विक्रेता दीपक कुमार यादव ने भी अपने केंद्र पर सैकड़ों क्विंटल चावल, शक्कर और नमक का गबन किया।

खाद्यान्न वितरण में इस प्रकार की गंभीर अनियमितता को देखते हुए, एसडीएम कोटा ने इन सभी दुकानों को निलंबित कर दिया है। निलंबन की कार्रवाई से पहले सभी संबंधित दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया था, परंतु संतोषजनक उत्तर प्राप्त न होने पर प्रशासन ने यह कठोर कदम उठाया।

इस कार्रवाई के बाद अन्य पीडीएस दुकानदारों के लिए यह एक कड़ा संदेश है कि यदि कोई भी सरकारी योजनाओं के तहत गरीबों और वंचितों के लिए आवंटित खाद्यान्न का गबन करने का प्रयास करेगा, तो उसके विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे। यह कार्रवाई न केवल सरकारी वितरण प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे लाभार्थियों के अधिकारों की रक्षा भी की जा सकेगी।

इस घटना से स्पष्ट है कि प्रशासनिक सतर्कता और पारदर्शिता को बनाए रखना आवश्यक है ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सही और जरूरतमंद व्यक्तियों तक पहुंच सके। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए, निगरानी और नियंत्रण प्रणाली को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है।

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