बिलासपुर। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत मजदूरों का भुगतान पिछले 5 महीनों से लंबित होने के कारण प्रदेश भर में नाराजगी फैलती जा रही है। इस बीच, जिला पंचायत के सभापति अंकित गौरहा ने पंचायत मंत्री विजय शर्मा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि बिलासपुर जिले में मनरेगा मजदूरों का 12 करोड़ 65 लाख 7,945 रुपये का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है, जिसके चलते मजदूरों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है।
भुगतान में देरी और प्रशासनिक लापरवाही
अंकित गौरहा के अनुसार, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के 33 जिलों में मनरेगा मजदूरों को कुल 385 करोड़ 25 लाख 40 हजार 100 रुपये का भुगतान किया जाना बाकी है। बिलासपुर जिले में स्थिति और भी गंभीर है, जहां मजदूर अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी और पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने मजदूरों के बकाया भुगतान के विषय में गलत जानकारी दी है।
गौरहा ने कहा कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी का रवैया मजदूरों के प्रति सौतेला है और मजदूरों की मेहनत की कमाई पिछले पांच महीनों से रुकी हुई है। उन्होंने आगे कहा कि त्योहारों के समय भी मजदूरों को भुगतान न मिलने से वे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। इस देरी से मजदूरों का पलायन भी बढ़ रहा है, जो कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में बाधा उत्पन्न कर रहा है।
पंचायत मंत्री पर आरोप
पंचायत मंत्री विजय शर्मा के बिलासपुर प्रवास के दौरान दिए गए बयान, जिसमें उन्होंने मजदूरों के भुगतान लंबित होने से इंकार किया था, पर अंकित गौरहा ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने मंत्री पर गलत जानकारी प्राप्त करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री के बयान ने मजदूरों के मनोबल को गिराया है। गौरहा ने चेतावनी दी है कि यदि मजदूरों को उनका बकाया भुगतान समय पर नहीं किया गया, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। इस आंदोलन में मनरेगा मजदूर भी शामिल होंगे।
अन्य जिलों की स्थिति
मनरेगा मजदूरों के बकाया भुगतान का मामला सिर्फ बिलासपुर तक सीमित नहीं है। प्रदेश के अन्य जिलों में भी मजदूरों का भुगतान लंबित है। इनमें सबसे अधिक भुगतान सूरजपुर जिले के मजदूरों का है, जहां 19 करोड़ 21 लाख 54 हजार 4790 रुपये बकाया हैं। इसके अलावा बालोद, कवर्धा, सारंगढ़-बिलाईगढ़, और राजनांदगांव जिलों में भी करोड़ों रुपये का भुगतान लंबित है। रायपुर जिले में भी 14 करोड़ 63 लाख 65 हजार 606 रुपये मजदूरों को मिलने बाकी हैं।
आंदोलन की चेतावनी
गौरहा ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि मजदूरों को समय पर भुगतान नहीं किया गया और प्रशासन का रवैया नहीं बदला, तो वे जल्द ही उग्र आंदोलन करेंगे। इस आंदोलन का उद्देश्य न केवल मजदूरों को उनका हक दिलाना है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ एक कड़ा संदेश देना भी है।
इस स्थिति से स्पष्ट होता है कि मनरेगा के अंतर्गत मजदूरों को समय पर भुगतान न होना प्रदेश भर में एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। यदि समय पर समाधान नहीं किया गया, तो यह मामला आने वाले समय में और भी बड़ा रूप ले सकता है, जिससे सरकार और प्रशासन पर और अधिक दबाव बढ़ सकता है।