बिलासपुर, छत्तीसगढ़ – यदुनंदन नगर कॉलोनी में शनिवार शाम एक खंभे में अचानक लगी भीषण आग से क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। यह खंभा कमला डेयरी के सामने स्थित था, और आग इतनी तेज थी कि आस-पास के लोग दहशत में आ गए।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह हादसा बिजली के तारों के जटिल और अव्यवस्थित मकड़जाल के कारण हुआ। कई बार शिकायत करने के बावजूद बिजली विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। मोहल्ले वालों का आरोप है कि तारों की खराब स्थिति और उनमें लगातार हो रही स्पार्किंग को लेकर पहले भी कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया था, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग लगते ही कुछ ही मिनटों में वह तेजी से फैल गई और खंभे से उठता धुआं दूर तक दिखाई देने लगा। लोगों ने खुद ही पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की और फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी, लेकिन राहत पहुंचने से पहले ही खंभे में लगे तार जलकर नष्ट हो गए।
वार्ड पार्षद संजय सीमा सिंह ने बताया, “हमने कई बार बिजली विभाग को यहां के तारों की स्थिति बताई, लेकिन कोई नहीं आया। अगर समय रहते ध्यान दिया गया होता तो आज ये आग नहीं लगती। यहां बच्चे खेलते हैं, बड़ा हादसा हो सकता था।”
अब स्थानीय लोग बिजली विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो। क्षेत्र के पार्षद ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच और खंभों की स्थिति सुधारने का आश्वासन दिया है।
इस घटना से जुड़े प्रमुख बिंदु:
- खंभे में लगी आग से किसी जान-माल की हानि नहीं हुई, लेकिन यह एक बड़ा खतरे का संकेत है।
- बिजली विभाग की लापरवाही पर स्थानीय लोगों में गुस्सा।
- तारों की अव्यवस्था और पुराने उपकरण हादसे की मुख्य वजह मानी जा रही है।
- भविष्य में सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाने की मांग।
बिलासपुर के इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कब तक नागरिकों की जान से खिलवाड़ होता रहेगा और कब जिम्मेदार विभाग सजगता दिखाएंगे?