बिलासपुर। नगर निगम की सामान्य सभा सोमवार को उस समय गर्मा गई जब वार्ड नंबर 5 की कांग्रेस पार्षद गायत्री साहू और उनके पति लक्ष्मी साहू के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर का मुद्दा उठाया गया। विपक्षी पार्षदों ने इस मामले को लेकर सदन में हंगामा किया और निगम प्रशासन से जवाब मांगा।
दरअसल, वार्ड नंबर 5 में लगातार पानी की समस्या बनी हुई है। इस समस्या को लेकर पार्षद गायत्री साहू के नेतृत्व में क्षेत्रवासियों ने निगम कार्यालय का घेराव किया था। इस प्रदर्शन के दौरान पार्षद ने कार्यकर्ताओं और नागरिकों के साथ मिलकर खाली मटका फोड़कर विरोध दर्ज कराया था।
भाजपा पार्षदों का कहना है कि निगम कार्यालय (विकास भवन) के गेट पर प्रदर्शन और घेराव के कारण आम नागरिकों के साथ-साथ अधिकारी-कर्मचारियों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ा। इसी आधार पर निगम प्रशासन की ओर से पुलिस में शिकायत की गई और पार्षद गायत्री साहू एवं उनके पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
एफआईआर दर्ज होने के बाद यह मुद्दा निगम की सामान्य सभा में भी गूंजा। कांग्रेस पार्षद गायत्री साहू ने सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि वे जनता की समस्या उठाने के लिए आंदोलन कर रही थीं, यह अपराध नहीं है। उन्होंने मांग रखी कि निगम सभा इस एफआईआर की निंदा करे और शासन को पत्र भेजकर इसे वापस लेने का प्रस्ताव पारित करे।
विपक्ष ने साधा निशाना
वहीं भाजपा पार्षदों ने पलटवार करते हुए कहा कि विरोध जताना अलग बात है लेकिन कानून को हाथ में लेना गलत है। उनका कहना था कि निगम के मुख्य गेट पर हंगामा कर मटका फोड़ने से व्यवस्था प्रभावित हुई और यही कारण है कि एफआईआर दर्ज की गई। विपक्ष ने इसे सही ठहराते हुए कांग्रेस पर कानून व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाया।
सभापति की टिप्पणी
सभा में जब बहस बढ़ी तो सभापति ने कहा –
“समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाना हर नागरिक और पार्षद का हक है, लेकिन कानून को अपने हाथ में लेना सही नहीं। विरोध किया जा सकता है लेकिन निगम कार्यालय के भीतर या गेट पर तोड़फोड़ करना उचित नहीं है। प्रदर्शन किनारे पर भी किया जा सकता था।”
अब आगे क्या?
सभा में माहौल गर्माने के बावजूद कोई सर्वसम्मति नहीं बन पाई। कांग्रेस पार्षद अपनी मांग पर अड़ी रहीं जबकि भाजपा ने एफआईआर को जायज ठहराया। अब देखना होगा कि नगर निगम इस मामले में कोई प्रस्ताव शासन को भेजता है या नहीं।


