बिलासपुर, 5 नवम्बर 2025।
बिलासपुर रेलवे स्टेशन के समीप 4 नवम्बर की शाम को हुए भीषण रेल हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। मालगाड़ी और मेमू लोकल ट्रेन के बीच हुई इस टक्कर में अब तक 11 यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 20 यात्री गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद रेल प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए थे।
तत्काल राहत और बचाव अभियान शुरू
घटना के तुरंत बाद रेलवे, आरपीएफ, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं। घायलों को बिलासपुर और आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार जारी है। रेल प्रशासन ने बताया कि सभी घायलों को ₹50,000 की त्वरित अनुग्रह सहायता राशि अग्रिम रूप से प्रदान की गई है।
घायलों की सूची जारी
रेल प्रशासन ने 20 घायलों की सूची जारी की है, जिनमें पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। घायलों में प्रमुख रूप से —
मथुरा भास्कर (55 वर्ष), चौरा भास्कर (50 वर्ष), शत्रुघ्न (50 वर्ष), गीता देबनाथ (30 वर्ष), मेहनिश खान (19 वर्ष), संजू विश्वकर्मा (35 वर्ष), सोनी यादव (25 वर्ष), संतोष हंसराज (60 वर्ष), रश्मि राज (34 वर्ष), ऋषि यादव (2 वर्ष), तुलाराम अग्रवाल (60 वर्ष), अराधना निषाद (16 वर्ष), मोहन शर्मा (29 वर्ष), अंजूला सिंह (49 वर्ष), शांता देवी गौतम (64 वर्ष), प्रीतम कुमार (18 वर्ष), शैलेश चंद्र (49 वर्ष), अशोक कुमार दीक्षित (54 वर्ष), नीरज देवांगन (53 वर्ष) और राजेंद्र मारुति बिसारे (60 वर्ष) शामिल हैं।
चिकित्सा और राहत व्यवस्था पर निगरानी
रेल प्रशासन के अनुसार सभी घायलों का इलाज विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में किया जा रहा है। अस्पतालों से निरंतर संपर्क बनाए रखा गया है और प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति के लिए चिकित्सा, परिवहन तथा आवश्यक सहयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। वरिष्ठ रेल अधिकारी लगातार स्थिति की निगरानी में जुटे हैं।
जांच के आदेश, सुरक्षा उपायों की समीक्षा
रेल मंत्रालय ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मालगाड़ी और मेमू लोकल के बीच सिग्नलिंग या संचार संबंधी त्रुटि संभावित कारण मानी जा रही है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि जांच रिपोर्ट के बाद ही होगी।
रेलवे प्रशासन ने मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा है कि पीड़ितों के पुनर्वास और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।


