बिलासपुर।
बेलतरा विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। जिला कांग्रेस कमेटी बिलासपुर (ग्रामीण) ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बेलतरा में सुनियोजित तरीके से मतदाता सूची में हेराफेरी की गई, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हुआ। कांग्रेस का दावा है कि भाजपा ने मृत, काल्पनिक और स्थानांतरित मतदाताओं के नाम जोड़कर और वास्तविक मतदाताओं के नाम काटकर चुनावी गणित अपने पक्ष में मोड़ लिया।
“कांग्रेस प्रत्याशी की वास्तविक जीत चुरा ली गई”
कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मतदाता सूची की गड़बड़ियों से यह स्पष्ट होता है कि बेलतरा विधानसभा का परिणाम भाजपा के पक्ष में “बनाया गया”।
उन्होंने आरोप लगाया,
“भाजपा ने प्रशासनिक और तकनीकी हेराफेरी कर बेलतरा की जनता से उनका मताधिकार छीना है। यह लोकतंत्र के साथ सबसे बड़ा धोखा है।”
कांग्रेस ने दावा किया कि राहुल गांधी द्वारा “वोट चोरी” का मुद्दा उठाने के बाद जब बेलतरा विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची का गहराई से परीक्षण किया गया, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
जांच में सामने आई प्रमुख गड़बड़ियां
कांग्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मतदाता सूची में कई तरह की विसंगतियां पाई गई हैं, जिनमें से कुछ बेहद गंभीर हैं:
- 100 वर्ष से अधिक आयु के 51 मतदाता सूची में दर्ज हैं।
इनमें से कई के बारे में पुष्टि हुई कि वे अब जीवित नहीं हैं। - मृत व्यक्तियों के नाम अब भी सक्रिय सूची में शामिल हैं।
कई ऐसे नाम पाए गए जिनकी मृत्यु वर्षों पहले हो चुकी है। - लगभग 40 वास्तविक मतदाता “स्थानांतरित (Deleted)” दिखाए गए हैं, जबकि वे अब भी अपने गांव में निवासरत हैं।
- कई मतदाताओं के नाम दो या तीन जगह दर्ज पाए गए — एक ही व्यक्ति एक से अधिक मतदान केंद्रों में सूचीबद्ध है।
- पता और पारिवारिक विवरण में त्रुटियाँ:
कई मतदाताओं के पिता/पति के नाम या मोहल्ले का नाम अधूरा या गलत लिखा गया है। - 490 मतदाताओं के मकान नंबर गलत या शून्य अंकित हैं।
इनमें 31 मतदाताओं का मकान नंबर “0” दर्ज है और 350 के मकान नंबर ही दर्ज नहीं हैं। - 109 मतदाताओं के पते अधूरे — केवल वार्ड या मोहल्ले का नाम लिखा गया है, जिससे पहचान असंभव हो जाती है।
सबसे चौंकाने वाला मामला:
कांग्रेस ने जांच रिपोर्ट में एक विशेष उदाहरण भी पेश किया —
रामलाल खरे, उम्र 74 वर्ष, निवासी ग्राम जोतिपारा।
कांग्रेस के अनुसार, चुनाव आयोग ने इन्हें “मृत” बताकर सूची से हटा दिया, जबकि वे आज भी जीवित हैं।
विजय केशरवानी ने कहा,
“रामलाल खरे का मामला केवल एक उदाहरण है, ऐसे सैकड़ों मतदाता बेलतरा क्षेत्र में हैं जिनका नाम झूठे आधार पर हटा दिया गया।”
“यह वोट चोरी की साजिश है”– कांग्रेस का आरोप
विजय केशरवानी ने आरोप लगाया कि भाजपा और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से मतदाता सूची में “इलेक्ट्रॉनिक फ्रॉड” किया गया।
उन्होंने कहा,
“यह एक संगठित साजिश थी जिससे कांग्रेस प्रत्याशी की वास्तविक जीत को हार में बदला गया। भाजपा ने लोकतंत्र की नींव को ही हिला दिया है।”
चुनाव आयोग से विस्तृत जांच की मांग
कांग्रेस ने इस पूरे प्रकरण की जमीनी रिपोर्ट (ग्राउंड रिपोर्ट) चुनाव आयोग को सौंपते हुए विस्तृत जांच की मांग की है।
रिपोर्ट में ऐसे लोगों की सूची संलग्न की गई है जो अपने गांव में निवासरत हैं, फिर भी उन्हें “स्थानांतरित” बताकर हटाया गया।
कांग्रेस ने कहा कि यह प्रक्रिया चुनाव प्रणाली की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगाती है।
राहुल गांधी ने भी जताया विरोध
कांग्रेस ने बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भी इस तरह की अनियमितताओं पर गंभीर चिंता जताई है।
उन्होंने SIR (Special Investigation Report) जैसी प्रणाली को अविश्वसनीय बताते हुए कहा कि भाजपा इसका दुरुपयोग कर रही है।
विजय केशरवानी ने चेतावनी दी —
“यदि चुनाव आयोग ने बेलतरा में निष्पक्ष जांच नहीं की, तो कांग्रेस इसे लोकतंत्र का अपमान मानेगी और राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक आंदोलन करेगी।”


