बिलासपुर। कलेक्टर के निर्देश पर खाद्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए धान के अवैध कारोबार में संलिप्त तीन व्यापारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। इस कार्रवाई में 104 क्विंटल अवैध रूप से संग्रहित धान जब्त किया गया। इस घटनाक्रम ने जिले में अवैध धान कारोबार से जुड़े नेटवर्क पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
गनियारी स्थित जायसवाल किराना एवं जनरल स्टोर के मालिक सरजू जायसवाल के गोदाम से 30 क्विंटल धान बरामद किया गया। इसके अतिरिक्त सकरी के दुलीचंद पवन अग्रवाल, जो धान की ट्रेडिंग करते हैं, के पास से 20 क्विंटल अवैध धान जब्त हुआ। किरारी गांव में फुटकर व्यापारियों और कोचियों के कब्जे से 54 क्विंटल धान जब्त की गई।
खाद्य विभाग को लंबे समय से इन अवैध गतिविधियों की जानकारी होने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। कलेक्टर के सख्त निर्देशों के बाद विभाग सक्रिय हुआ और छापेमारी कर यह बड़ी सफलता हासिल की।
जब्त धान पर मंडी अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। इन व्यापारियों पर आरोप है कि वे लंबे समय से धान का अवैध कारोबार कर रहे थे, लेकिन पहली बार उन पर कानूनी शिकंजा कसा गया है।
इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि जिले में धान का अवैध कारोबार एक संगठित रूप ले चुका है। यह सवाल उठता है कि इन व्यापारियों को कौन संरक्षण दे रहा था। सूत्रों का कहना है कि यह जांच का विषय है कि लंबे समय तक यह कारोबार बिना किसी रोक-टोक के कैसे चलता रहा।
धान के अवैध कारोबार का सीधा असर किसानों और राज्य की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। इस तरह की गतिविधियां न केवल मंडी व्यवस्था को कमजोर करती हैं, बल्कि वास्तविक किसानों के हक को भी छीनती हैं।
यह कार्रवाई केवल शुरुआत है। खाद्य विभाग और प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे मामलों की गहन जांच हो और इसमें शामिल बड़े नामों तक पहुंचा जाए। जिला प्रशासन को किसानों और व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए कड़ी निगरानी और त्वरित कार्रवाई करनी होगी।
इस प्रकार की कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि प्रशासन अब अवैध धान कारोबारियों पर सख्ती से पेश आएगा। लेकिन इसे तभी पूरी तरह सफल माना जाएगा, जब इस अवैध नेटवर्क की जड़ तक पहुंचकर इसे समाप्त किया जाएगा।