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बिल्हा विधानसभा: भारत भूमि पार्टी के उम्मीदवार देवराम ने कहा- भाजपा के शासनकाल में बिल्हा में नहीं दिखता विकास… युवा हो गए हैं बेरोजगार…जानिए ताजाखबर36गढ़ से खास इंटरव्यू में क्या कहा…


बिलासपुर/13/11/2013/  युवाओं, महिलाओं और बिल्हा विधानसभा के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना लिए युवा नेता देवराम साहू भी भारत भूमि पार्टी से राजनीति में कूद गए हैं। उनका मानना है कि आज राजनीति में गंदे लोग आ गए हैं, जो युवाओं को गलत रास्ते पर ढकेल रहे हैं। उन्हें नशे का सौदागर बना दिया गया है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किसी को कोई चिंता नहीं है। जिस तरह से नाली की सफाई करने के लिए नाली में उतरना पड़ता है। ठीक उसी तरह से राजनीति की गंदगी को साफ करने के लिए राजनीति में उतरना पड़ा। यदुनंदन नगर तिफरा निवासी 26 वर्षीय प्रत्याशी देवराम साहू ने ताज़ाख़बर36गढ़.कॉम से खास बातचीत की।

पेश हैं मुख्य अंश:-

सवाल: आपकी और आपकी भारत भूमि पार्टी का उद्देश्य क्या है। आप किस मकसद से चुनाव लड़ रहे हैं?

जवाब: मेरी और हमारी पार्टी का प्रमुख मकसद है, प्रदेश के अंतिम व्यक्ति का विकास। आज बड़ी राजनैतिक पार्टियां लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान बस का सपना दिखाती हैं, जबकि हमारी पार्टी चाहती है कि इन सबके अलावा हर व्यक्ति का शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार का हक है, ताकि वह सम्मान से जीवन गुजार सके।

सवाल: आपने बिल्हा विधानसभा क्षेत्र और वहां की जनता के लिए ऐसा क्या किया है कि वो आपको स्वीकार करेंगे?

जवाब: देखिए… राजनीति में हम नए हैं। इसलिए घुमा-फिराकर बात करना नहीं आता। हमने गांवों में जाकर जागरूकता फैलाई है। गांव में इतने छोटे और स्तरहीन शौचालय बनाए जा रहे थे, जिसमें एक व्यक्ति का बैठना मुश्किल था। गांववालों को समझाया कि यह शौचालय कभी गिर सकता है। इसका स्तर सुधवाइए और थोड़ा बड़ा कीजिए। इसके अलावा आवास निर्माण में की जा रही गड़बड़ियों को रोका है। युवाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करते आ रहे हैं। महज 26 साल की उम्र में मैंने ये काम शुरू किए हैं। उम्मीद है कि जनता जरूर मेरे काम को ध्यान देगी।

सवाल: आप बिल्हा विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। क्षेत्र के लोगों को कौन बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है?

जवाब: हमने अपने साथियों के साथ लगभग ग्रामीण एरिया का भ्रमण किया है। वहां सबसे बड़ी समस्या पानी की है। बरसात के दिनों में तो जैसे-तैसे काम चल जाता है, लेकिन गर्मी के सीजन में पीने के पानी के लिए तरसना पड़ता है। राशन, पेंशन की समस्या तो हर गांव में है। सड़क और बिजली के लिए अधिकांश गांव के ग्रामीण तरस रहे हैं।

सवाल: इन समस्याओं को सुलझाने के लिए आपके पास क्या उपाय है?

जवाब: देखिए… हमने सभी समस्याओं की लिस्टिंग कर ली है। जब मैं विधानसभा पहुंच जाऊंगा, तब सबसे पहली प्राथमिकता होगी पानी की समस्या को दूर करना। इसके लिए अरपा और शिवनाथ नदी के बीच से नहर निकाली जाएगी, ताकि दोनों नदियों में जब बाढ़ आए तो पानी नहर में शिफ्ट हो जाए। इससे भूमि का जलस्तर बढ़ेगा और पानी की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। राशन, पेंशन समय पर दिलाने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया जाएगा। क्षेत्र में चकाचक सड़कें और 24 घंटे बिजली के लिए उपाय है।

सवाल: प्रदेश में 15 साल से भाजपा की सरकार है। आपकी नजर में बिल्हा विधानसभा का कितना विकास हुआ है?

जवाब: यह बहुत ही गंभीर सवाल है। भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में सिर्फ कागजी विकास हुए हैं। विकास हुआ रहता तो लोग पानी के लिए नहीं तरसते। परसदा स्थित स्कूल में शौचालय तो बना है, लेकिन वहां पानी ही नहीं है। ऐसे में उस शौचालय का उपयोग कैसे किया जाएगा। बिल्हा विधानसभा में सबसे ज्यादा वोटर युवा हैं एक लाख से ऊपर। इनमें से 79 प्रतिशत युवाओं को रोजगार की तलाश है। सरकार खुद शराब बेच रही है और युवाओं को शराब दुकान में सेल्समैन बना दिया गया है। आज चुनाव के समय राजनैतिक पार्टी के लोग इन युवाओं को उपयोग भीड़ के रूप में कर रहे हैं। बदले 2-4 सौ रुपए थमा दिए जा रहे हैं। यही भाजपा का विकास है।

सवाल: … तो युवाओं को रोजगार देने के लिए आपके पास क्या योजनाएं हैं?

जवाब: देखिए… बिल्हा विधानसभा में सिरगिट्‌टी, तिफरा समेत कई इंडस्ट्रीज एरिया है। इन उद्योगों को लगाने से बिल्हा विधानसभा के लोग प्रभावित हुए हैं, लेकिन रोजगार सिर्फ 20 प्रतिशत लोगों को मिला है। शेष 80 प्रतिशत लोगों को कंपनियों में रखा गया है। मैं विधानसभा पहुंच गया तो 80 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को कंपनियों में रोजगार दिलवाऊंगा। इसके लिए कंपनी से लिखित में अनुबंध किया जाएगा। शेष 20 प्रतिशत रोजगार कंपनी चाहे तो किसी भी दे सकती है।

सवाल: बिल्हा विधानसभा किसान बाहुल्य है। आपके पास किसानों के लिए क्या योजनाएं हैं?

जवाब: बिल्हा ही नहीं, छत्तीसगढ़ प्रदेश को धान का कटोरा कहा जाता है। यहां की 80 फीसदी आबादी खेती पर निर्भर है, लेकिन सरकार किसानों से झूठे वायदे ही करती आ रही है। किसानों को धान का समर्थन मूल्य 24-25 सौ रुपए नहीं, बल्कि 35 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से कीमत मिलनी चाहिए।

सवाल: भाजपा-कांग्रेस के धनबल और बाहुबल से कैसे लड़ेंगे?

जवाब: नि:संदेह भाजपा और कांग्रेस के पास धनबल, बाहुबल और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की फौज है, लेकिन हमारे पास दृढ़ इच्छा शक्ति है। युवाओं के लिए विजन है। बड़ी राजनैतिक पार्टियां चुनाव में करोड़ों रुपए खर्च कर शराब बांटती है, उपहार में कंबल देते हैं। साल देते हैं। फिर सत्ता पाने के लिए उससे कई गुना वसूलते हैं। हम युवा, महिला और बुजुर्ग के पास जा रहे हैं। उन्हें समझा रहे हैं कि कुछ लेकर वोट दोगे तो बाद में कर्ज चुकाना पड़ेगा। हम न तो शराब बांटेंगे और न ही कंबल। हम युवाओं को नशे से दूर रहने की सीख दे रहे हैं। भविष्य गढ़ने की समझाइश दे रहे हैं, ताकि अपने परिवार का नाम रोशन कर सके।

26 साल के विधानसभा प्रत्याशी देवराम साहू देखें वीडियो

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