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छत्तीसगढ़: सरकार बनने को लेकर कांग्रेसी आश्वस्त…सता रहा है ये डर…निपटने के लिए बनाई ये रणनीति…जानिए क्या है डर…


बिलासपुर/ कांग्रेसी नेता छत्तीसगढ़ में इस बार सत्ता में वापसी को लेकर निश्चिंत नजर आ रहे हैं, लेकिन उन्हें एक डर जरूर सता रहा है। वह डर विजयी विधायकों की खरीद-फरोख्त का है। अलबत्ता, इससे निपटने के लिए कांग्रेसी नेताओं ने बड़ी रणनीति बनाई है। पिछले दिनों हुई बैठक में इसका खाका भी तैयार कर लिया गया है।

बता दें कि बीते 28 नवंबर को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में प्रदेशभर के उम्मीदवारों की बैठक हुई थी। बैठक का नेतृत्व प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल, नेता-प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने किया था। सूत्र बताते हैं कि बैठक में तय किया गया कि चुनाव के परिणाम जारी होते ही सभी विधायक रायपुर के लिए रवाना हो जाएंगे। पार्टी का मानना है कि अपने निर्वाचन क्षेत्र में रात से उन पर दबाव बनाया जा सकता है। रायपुर में क्या होगा, यह पार्टी हाईकमान तय कर चुका है। पिछले तीन विधानसभा चुनावों के मुकाबले कांग्रेस ने इस बार अलग तरह की रणनीति बनाई है।

विधायकों के मोबाइल पर होगी नजर

पार्टी ने हर जिले में पदाधिकारियों की एक टीम बनाने का फैसला किया है। टीम में शामिल सदस्यों का काम विधायकों को निश्चित स्थान तक पहुंचाने का होगा। आखिरी समय पर रायपुर की जगह विधायकों को किसी गोपनीय स्थान पर भी भेजा जा सकता है। पार्टी विधायकों के मोबाइल की गतिविधियों पर भी नजर रखेगी।

जब भाजपा के 12 विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया था

2003 में भाजपा सरकार बनाने की तैयारी कर रही थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की चुनावों में हार हुई थी। इसी दौरान भाजपा के विधायकों को तोड़ने की कोशिश हुई और तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी का नाम सामने आया था। इसकी जांच भी हुई थी।

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