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बिलासपुरराजनीति

धरना-प्रदर्शन को लेकर जारी सरकारी आदेश के विरोध में भाजपा ने किया जेल भरो आंदोलन, कांग्रेस ने बताया नौटंकी…

रायपुर/बिलासपुर: छत्तीसगढ़ डेढ़ साल बाद चुनाव हैं, लेकिन सड़कों सियासी सरगर्मी दिखने लगी है। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी ने राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में अपने आला नेताओ की अगुवाई में जेल भरो आंदोलन किया। दरअसल छत्तीसगढ़ में विपक्ष प्रदेश की कांग्रेस सरकार की तरफ से जारी धरना-प्रदर्शन को लेकर जारी उस सरकारी आदेश का विरोध कर रहा है,जिसमे कहा गया है कि प्रदेश में प्रशासन की बिना अनुमति के किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन आंदोलन नहीं किया जा सकेगा।

बिना अनुमति प्रदर्शन आंदोलन प्रतिबंधित किये जाने का विरोध

दरअसल बीते दिनों छत्तीसगढ़ के गृह विभाग की तरफ से एक आदेश जारी करके धरना, निजी, सार्वजनिक कार्यक्रम, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों, जुलूस, रैली, भूख हड़ताल जैसे कार्यक्रमों को लेकर एक गाइडलाइन जारी की गई थी । गिरह विभाग ने राज्य के सभी कलेक्टर और एसपी को निर्देशित करते हुए कहा था कि प्रदेश में कोई भी सार्वजनिक आंदोलन, धरना प्रदर्शन, राजनीतिक कार्यक्रम इत्यादि अब जिला प्रशासन से बिना अनुमति के आयोजित नहीं किए जायेंगे। भाजपा भूपेश सरकार के इसी फैसले का विरोध कर रही है।

अभिव्यक्ति की आज़ादी छीनना चाहती है सरकार: भाजपा

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई से इतनी भयभीत हैं कि अपने खिलाफ उठ रही आवाज को दबाकर जन आक्रोश को कुचलना चाहती है और अभिव्यक्ति की आजादी को छीनना चाहती हैं। साय ने कहा कि इसी लिए छत्तीसगढ़ में धरना प्रदर्शन आंदोलन पर रोक लगाने छत्तीसगढ़ की डरी हुई कांग्रेस सरकार द्वारा काला कानून लाकर छत्तीसगढ़ में आपातकाल की यादों को ताजा करने का कृत्य किया जा रहा हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने बताया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के सभी जिलों में भूपेश बघेल सरकार के काला कानून के विरोध में जेल भरो आंदोलन किया है।

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