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सीवी रमन विवि फर्जी डिग्री मामले में एफआईआर दर्ज….सत्ता का दुरुपयोग कर की गई मामला दर्ज, प्रमाणित दस्तावेजों के साथ करेंगे बड़ा खुलासा… शैलेश

बिलासपुर के कोटा स्थित सीवी रमन विश्वविद्यालय से फर्जी डिग्री बांटने का मामला सामने आया है। मामले में पुलिस ने विवि के चांसलर संतोष चौबे, पूर्व कुलसचिव शैलेश पांडेय, डिप्टी रजिस्ट्रार गौरव शुक्ला और नीरज कश्यप के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। हालाँकि पूर्व कुलसचिव और कांग्रेस नेता शैलेश पांडेय ने दावा किया है कि सत्ता के दबाव में मामला दर्ज कराया गया है, आगामी कुछ दिनों में मामले को लेकर बड़ा खुलासा किया जाएगा |

बता दें कि आज कोटा थाना में डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय द्वारा फर्जी डिग्री बाँटने को लेकर एक एफआईआर दर्ज कराया गया | प्रमेन्द्र मानिकपुरी ने शिकायत की है कि डिस्टेंस एजुकेशन की अनुमति के बिना इन्होंने सेंटर्स से डिग्रियां बांट दी है । सीवी रमन विवि द्वारा संचालित आईसेक्ट सेंटर संचालित करने की पात्रता नहीं थी, साथ ही सर्टिफ़िकेट कोर्स की जगह डिग्री कोर्स दिया जा रहा था । जो कि यूजीसी गाइडलाइन में नहीं है | इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले में सीवी रमन विश्वविद्यालय के कुलपति संतोष चौबे, पूर्व रजिस्ट्रार शैलेष पांडेय, रजिस्ट्रार गौरव शुक्ला के साथ साथ उप रजिस्ट्रार नीरज कश्यप के ख़िलाफ़ कोटा थाने में क्राईम नंबर 247/18 में अपराध दर्ज कर धारा 13(1)(d) 13(2) प्रीवेन्शन ऑफ़ करप्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है । अब इस मामले को लेकर बिलासपुर की सियासत गरमाने लगी है | कांग्रेस नेता शैलेश ने पुरे मामले को लेकर सत्ता पर आरोप लगाया है |

मंत्री के इशारे पर रचा गया राजनीतिक षड्यंत्र, सत्ता का दुरुपयोग कर की गई है FIR – शैलेश

मामले में कांग्रेस नेता शैलेश ने मंत्री अमर अग्रवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पूरा मामला राजनीतिक षड्यंत्र है विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने और मेरी राजनीतिक छवि को खराब करने के लिए कुछ नेताओं द्वारा यह राजनीतिक खेल खेला जा रहा है । मुझे जानकारी है कि शिकायतकर्ता प्रमेंद्र मानिकपुरी कोटा में शराब दुकान के लिए चखना सेंटर चलाता है यह चखना सेंटर बिलासपुर के मंत्री ने उसे दिलाया है । ताकि वह उसके लिए उल्टे-सीधे काम कर सके । कोटा के लोगों का कहना है कि इसके अलावा वह फर्जी डिग्री बनाने और लोगों को ब्लैकमेल करने का काम करता है । शैलेश पांडेय ने कहा कि जानकारी यह भी है कि उसके खिलाफ कई बार शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं ।

उन्होंने कहा कि सत्ता के दबाव में यह FIR की गई है, जल्द ही पूरे मामले का बड़ा खुलासा किया जाएगा, इस के समस्त दस्तावेज तैयार कर लिए गए हैं । इसके पीछे जिन बड़े नेताओं की साजिश है, और किन कार्यकर्ता कौन से कार्यकर्ता इस में काम कर रहे हैं । सबके नाम का प्रमाणित तथ्यात्मक खुलासा जल्द ही किया जाएगा । शैलेश पांडेय ने कहा FIR के मामले में कहां है, कहा कि कोई भी शिकायत पर जांच करना पुलिस प्रशासन का काम है और यह काम होना भी चाहिए इसके लिए हम सहयोग करने को भी तैयार हैं। लेकिन पुलिस प्रशासन ने बिना जांच किए सीधे मामले में अपराध दर्ज किया है इसका सीधा अर्थ है कि वह दबाव में और व्यक्तिगत द्वेष को लेकर कार्य कर रही है

यह बात समझ से परे है कि बिना जांच किए किसी भी प्रकार की बिना पूछताछ के मामला दर्ज कैसे किया गया । शैलेश पांडे ने यह आरोप लगाया कि जिन चार वरिष्ठ लोगों के नाम पर FIR की गई है यह मामला दर्ज किया गया है उन नामों के चयन का आधार क्या है। संतोष चौबे जी जो विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं जो सीधे तौर पर नहीं जुड़े होते हैं, इसी तरह डिप्टी रजिस्ट्रार प्रशासन और डिप्टी रजिस्ट्रार मानव संसाधन के नामों का चयन का आधार क्या है। यह बात भी पुलिस को पहले सोचने और जांच के दायरे में लेनी चाहिए थी । यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक दुष्प्रेरण से प्रेरित मामला है । जिसमें विश्वविद्यालय के अधिकारियों और विश्वविद्यालयों की छवि को धूमिल करने के लिए ऐसा किया जा रहा है ।

पूरे मामले में सरकार और उसके मंत्री संलिप्त हैं और प्रशासनिक सत्ता के दुरुपयोग करके पूरे मामले में कार्रवाई की जा रही है। शैलेश पांडेय ने कहा कि सभी दस्तावेज के साथ हम जल्द ही बड़े नेताओं के नाम और प्रमाणित दस्तावेजों के साथ खुलासा करेंगे। शैलेश पांडेय ने कहा कि इस मामले में हम न्यायालय की शरण में जाएंगे और उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय तक बात रखी जाएगी |

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